सागर। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की बहार है। आए दिन रिश्वतखोर पकड़े जा रहे हैं। चाहे जबलपुर लोकायुक्त हो या सागर, या रीवा या जबलपुर की टीम। सूचना मिलती है, कार्रवाई होती है और रिश्वतखोर मुंह छिपाने की बजाए सीना ठोंककर खड़े रहते हैं। इन कार्रवाइयों से यह तो साफ है कि भ्रष्टाचार हर विभाग में है। पुलिस हो या अन्य सरकारी विभाग, बिना लेनदेन के कोई काम नहीं होते।
पद एसडीओ का, मांगे 30 हजार
सागर के पीआईयू विभाग के इंजीनियर को लोकायुक्त की टीम ने ठेकेदार से 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। दरअसल पीआईयू द्वारा खुरई मालथौन में बनाए गए इनडोर स्टेडियम के बिल पास करने के एवज में बीना निवासी ठेकेदार नीलेश दीक्षित से पीआईयू के एसडीओ मुलायम प्रसाद अहिरवार ने रिश्वत मांगी थी। उन्होंने डेढ़ प्रतिशत के हिसाब से 15 लाख के रुके बिल पास करने के लिए 30 हजार मांगे थे। रिश्वत की रकम लेकर नीलेश दीक्षित पुरानी तहसील परिसर स्थित पीआईयू कार्यालय पहुंचा। वहां मौजूद एसडीओ रामप्रसाद अहिरवार को लोकायुक्त द्वारा पाउडर लगा कर दिए गए 20 हजार जैसे ही दिए, तो तुरंत ही पीछे से लोकायुक्त की टीम आ गई और मुलायम प्रसाद अहिरवार के जेब में रखे रुपयों को जप्त कर लिया। एसपी लोकायुक्त सागर रामेश्वर यादव ने बताया कि आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।
रिश्वतखोरी की बहार है.. हर कोई बहती गंगा में हाथ धो रहा
RELATED ARTICLES