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घमंड में चूर एमपी-एमएलए को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया सख्त संदेश

जयपुर। स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जी की जन्मशती के अवसर पर जयपुर में उनकी स्मृति पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि स्वर्गीय भंडारी जी के बारे में कुछ कहना सूरज को दीया दिखाने जैसा है। मेरा सौभाग्य था कि मैंने उनके सानिध्य में कार्य किया और उनसे कुछ सीखा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जी के शब्द आज भी मेरे कान में गूँजते हैं। उन्होंने कहा था कि कोई भी यह न समझे कि वो एमएलए और और एमपी परमानेंट है। यह संगठन का निर्णय है, सिटिंग एंड गेटिंग इस नॉट द रूल। सादगी उन्होंने ओढ़ी नहीं थी, बल्कि यह उनके व्यक्तित्व में थी। एक बार किसी ने कहा-मेरी कंस्टीट्एंसी.. इस पर सुंदर सिंह भंडारी ने कहा था कि मेरा क्षेत्र क्या होता है, क्या पट्टा लिखाकर आए हो। जेपी नड्डा के ऐसा कहते ही हाल में तालियां गूंज उठीं।
खुद नेता और परिवार घमंड में रहते हैं चूर
नेतागिरी अब सेवा का नहीं मेवा का माध्यम बन चुकी है। पार्टी कोई भी हो, लेकिन नेता हमेशा घमंड में चूर रहते हैं। एक बार विधायक या सांसद बन जाने पर उनके दर्शन तक दूभर हो जाते हैं। ऐसे में वे जनता की सेवा करने या उनके नौकर होने के स्थान पर मालिक समझने लगते हैं। राजनीति से मिली शोहरत, धन उनके घमंड को कई गुना बढ़ा देता है। ऐसे में वे जनता को तुच्छ समझ बैठते हैं। ऐसे में जरूरी है कि जनप्रतिनिधियों को यह एहसास कराया जाए कि वे मालिक नहीं जनता के नौकर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई अवसरों पर कह चुके हैं कि सांसद-विधायक जमीन से जुड़ें, जनता की सेवा करें और उनके दुख-दर्द के साथी बनें। गृहमंत्री अमित शाह भी चेता चुके हैं कि घमंड में चूर मत रहो। अब कार्यक्रम के बहाने जेपी नड ने भी ऐसी ही सीख दी है। उम्मीद है कि भाजपा के सांसद, विधायक और मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक उनकी इस सीख से सबक लेंगे।

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