भाजपा सरकार का बड़ा ऐलान, सीएम बोले-सरकार के खजाने पर पहला हक जनजातियों का जनजातियों को अपने पक्ष में करने में जुटीं भाजपा-कांग्रेस भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार ने हाल ही में बलिदान दिवस मनाया। जबलपुर में महान क्रांतिकारी राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का जन्मदिवस मनाया गया। साथ ही एक महीने तक कार्यक्रम के आयोजन का ऐलान भी किया गया। इस बीच कांग्रेस ने भी राजनीति करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दिज्विजय सिंह जबलपुर आए और पन्ना के पीडि़तों के लिए गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा। उन्हें समय तो नहीं मिला, लेकिन मीडिया के सामने उन्होंने यह जरूर तोहमत लगा दी कि भाजपा के पास आदिवासियों से मिलने का समय नहीं है। अमूमन ऐसे ही आरोप अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी लगाए। लेकिन इन सबके बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान करते हुए कह दिया कि सरकार के खजाने पर पहला हक जनजातियों का है। प्रदेश सरकार जनजातियों के लिए धन और अवसर के खजाने खोलने के लिए कृत-संकल्पित है। इस बयान को देखा जाए तो प्रदेश सरकार जनजातियों के लिए बहुत कुछ करने वाली है। शिवराज की मानें तो भाजपा सरकार जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका विकास और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिये कोई कोर-कसर नहीं छोडऩे वाली। जनजातीय शिक्षा में क्रांति लाएगी सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि उनकी सरकार जनजातीय शिक्षा में क्रांति लाएगी। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को लागू कर इसका लाभ जनजातीय बच्चों को दिलाने का काम किया जाएगा। 8वीं और 9वीं कक्षा से ही जनजातीय के बच्चों को नीट और जेईई की ऑनलाइन व्यवस्था की जाएगी। ग्राम पंचायत में कम से कम 4 छात्रों को ग्रामीण इंजीनियर के रूप में कृषि उपकरण कौशल, आईटी सर्विसेस, भवन निर्माण संबंधित कौशल, जैविक खेती जैसे विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये पहल करेगी
जनजातीय वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक विकास के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, गुरूकुलम विद्यालय, कन्या परिसरों का संचालन होगा। -3 विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के छात्रों को शिक्षा देने गुना, जबलपुर और श्योपुर में आवासीय विद्यालय संचालित हैं। -महिला मुखिया को कुपोषण से बचाने के लिए हर माह एक हजार रूपये का आहार अनुदान भी दिया जा रहा। -यूपीएससी कोचिंग के अलावा 4 लाख 40 हजार की राशि 18 माह के लिए दी जा रही। -विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी छात्रवृत्ति दी जाती है। जिलों में 8 क्रीड़ा परिसर भी बनाए गए हैं। -जल, जंगल और जमीन के लिए वन अधिकार के निरस्त पट्टों का फिर से परीक्षण कर 34 हजार से अधिक पट्टों को फिर से स्वीकृति। -प्रदेश के सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में सिकल सैल मिशन प्रांरभ किया जाएगा। -आदिवासियों व स्थानीय लोगों के लिए पेसा एक्ट ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देता है। -मध्यप्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखंडों में गाँव-गाँव राशन पहुँचाने की योजना शुरू होगी। -7500 से अधिक गाँव में रहने वाले 23.80 लाख जनजाति परिवार लाभान्वित होंगे। -मछली, मुर्गी और बकरी पालन के लिए योजना भी शुरू की जाएगी। -जनजाति के उद्यमियों को प्रशिक्षण, संसाधन विकास के लिए आर्थिक सहायता और बिक्री के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। -एक वर्ष के अंदर जनजाति वर्ग के सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा।