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एक साल से पनागर में शोपीस बनी बैटरी चलित एंबुलेंस, प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की चांदी

जबलपुर। जबलपुर के पनागर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना काल के समय मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने विगत 1 वर्ष पहले बैटरी चलित एंबुलेंस अस्पताल प्रबंधन को भेंट की थी। लेकिन तब से लेकर आज तक उस वाहन का कोई उपयोग नहीं किया गया। गत 1 साल से अस्पताल में खड़े इस वाहन के उपयोग न किए जाने और देखरेख के अभाव में एंबुलेंस कंडम होने की कगार पर खड़ा है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ड्राइवर के न होने का हवाला दे रहे हैं तो वहीं इनका भरपूर फायदा प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों द्वारा उठाया जा रहा है, जो मरीजों को छोडऩे के एवज में मनमाफिक किराया वसूल रहे हैं।
पनागर स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों ने अपना डेरा जमा रखा है। इतना ही नहीं अस्पताल परिसर के अंदर दो-दो प्राइवेट वाहन दिन रात खड़े रहते हैं, जो अस्पताल आने जाने वाले मरीजों से मनमाफिक किराया वसूलते हैं, जबकि मरीजों की सुविधाओं के देखते हुए विवेक तन्खा ने नगर की तंग गलियों में भी मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्हें नि:शुल्क लाने ले जाने के लिए ये एंबुलेंस पनागर शासकीय अस्पताल प्रबंधन को भेंट किया था। इसके बावजूद अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों के लिए इस एंबुलेंस का विगत 1 वर्ष से कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते उक्त एम्बुलेंस कंडम होने की कगार पर पंहुच गई है। एंबुलेंस जर्जर स्थिति में हो गई है। प्राइवेट एंबुलेंस का दबदबा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में है। इसके बावजूद विकास खंड चिकित्सा अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है और जनता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लुटते ही जा रही है।

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