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केंद्र-राज्य क्या इसलिए दे रहे फंड कि अस्पताल से भगाई जाएं गर्भवती महिलाएं..!

विदिशा। एक महिला को प्रसव का समय होने के बाद भी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जब गर्भवती महिला घर के लिए रवाना हुई तो रास्ते में ही प्रसव हो गया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन नवजात की मौत भी हो गई। मानवता को शर्मसार कर देने वाली ये तस्वीरें मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की लटेरी तहसील की हैं। यहां एक गर्भवती को शासकीय अस्पताल से डिलेवरी के समय घर वापस भेज दिया गया। अस्पताल से घर जाते समय महिला को तेज प्रसव पीड़ा हुई और महिला ने रास्ते में बच्चे को जन्म दे दिया। अस्पताल प्रवंधन की लापरवाही और सरकारी सिस्टम के कारनामों के कारण नवजात ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। प्रदेश की शिवराज सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सरकारी अस्पतालों पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। प्रसूताओं को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। केंद्र सरकार भी अपनी ओर से गरीब महिलाओं को प्रसव पर नकदी रूपए देती है, लेकिन इसके बाद भी यह हाल हैं।
किस काम के डॉक्टर और स्टॉफ
मोटी-मोटी तनख्वाह पर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियों के साथ ही अन्य मदों पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार की लापरवाही के कारण निचले तबके के लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। इसका जीता जागता प्रमाण रास्ते में महिला का प्रसव और उसके बाद नवजात की मौत है।
सुर्खियों में रहा है लटेरी का अस्पताल
लटेरी का सरकारी अस्पताल लगातार प्रदेशभर में सुर्खियों में रहता है। कुछ समय पूर्व भी सरकारी अस्पताल में पदस्थ बीएमओ धाकड़ के घूस लेने का मामला सामने आया था। हैरत की बात तो यह है कि इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कोई ठोस कार्यवाही न करते हुए सिर्फ चेतावनी पर जारी करने की बात कही थी।

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