अनूपपुर। जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील मुख्यालय के ग्राम पंचायत किरगी में स्थानीय लोगों ने आवारा पशुओं से परेशान होकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने गांव में आवारा घूमने वाले जानवरों से परेशान होकर पंचायत के परिसर में ही जानवरों को एक-एक करके बंद कर दिया। दरअसल यहां कांजी हाऊस तो है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब अवैध कब्जे हो गए हैं। स्थानीय नागरिकों ने लगातार आवारा जानवरों द्वारा किये जाने वाले नुकसान से पंचायत सहित आला अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। आखिरकार परेशान फसलों को पहुंचाते हैं नुकसान किरगी गांव में आवारा जानवर बेलगाम होकर सडक़ों पर बैठे रहते हैं। ये जानवर ग्रामीणों के खेत में घुसकर फसलें भी खा जाते हैं। साथ ही सब्जी-किराना व्यापारियों की दुकानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। आए दिन होने वाली दुर्घटना व परेशानी से प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी जब इनकी बात नहीं सुनी गई, तो नाराज ग्रामीणों ने तमाम आवारा पशुओं को पंचायत भवन परिसर में बंद कर अपना गुस्सा निकाला। कलेक्टर के आदेश हुए हवा जिला कलेक्टर सोनिया मीणा ने 2 अगस्त को जिले के सभी जनपद सीईओ को आदेशित किया था कि ग्राम पंचायतों द्वारा मुनादी कर आवारा पशुओं को सडक़ों पर छोडऩे पर कार्यवाही की जाएगी। लेकिन कलेक्टर का यह आदेश दिखावा ही साबित हुआ। आज भी जानवर बेलगाम सभी जगह आसानी से दिखाई दे रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में नारेबाजी कर पंचायत भवन को ही सांकेतिक गौशाला बना डाला।
गौशाला पर हुआ कब्जा तो आवारा मवेशियों को पंचायत भवन में कर दिया बंद
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