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कडक़ड़ाती ठंड में खाद के लिए सुबह 4 बजे से लाइन लगाते हैं अन्नदाता किसान

रायसेन। जो लंबी लंबी लाइन देख रहे हैं यह किसी ट्रेन टिकट या सिनेमा के टिकट की लाइन नहीं है यह लाइन देश के अन्नदाता की है जो अपनी सूखती फसल को बचाने के लिए यूरिया के लिए दर-दर भटक रहा है। सुबह 4 बजे कडक़ड़ाती ठंड में खाद वितरण केंद्र पर नंबर लगाकर खड़ा है। पिछले 6 दिन से तो कोई 8 से 10 दिन से यूरिया खाद के लिए परेशान हो रहा है जैसे तैसे यूरिया मिल भी जाती है तो एक एकड़ पर सिर्फ एक बोरी जो पर्याप्त नहीं है।
रायसेन जिला मुख्यालय स्थित विपणन संघ की गोडाउन पर यूरिया न होने से यूरिया खाद वितरण बंद कर पिछले 6 दिन से सिर्फ टोकन ही बांटे जा रहे थे। इस तरह से करीब 1000 किसान टोकन लेकर यूरिया का इंतजार में बैठे थे। बुधवार को गोडाउन में 4 50 टन यूरिया आया है, उसका वितरण गुरुवार से भोपाल रोड स्थित जिला विपणन संघ कार्यालय परिसर स्थित गोडाउन से सुबह 10 बजे से किया जा रहा है। यूरिया के लिए पिछले 6 दिन से परेशान हो रहे किसान सुबह 4 बजे से ही लाइन में लगकर खड़े हो गए हैं। इस मामले में किसान वालाराम मीणा ने बताया कि लगभग पिछले 8 दिन से हम परेशान हैं। खाद नहीं मिल रहा है। आज यूरिया खाद मिलने की खबर मिली तो हम सुबह 4 बजे से लाइन में लगे हैं। अब शाम तक देखना होगा कि यूरिया मिल पाता है कि नहीं। वही एक बोरी प्रति एकड़ यूरिया दी जा रही है जो पर्याप्त नहीं है। गेहूं की फसल हमारी पीली पड़ रही है यूरिया की सख्त जरूरत है यूरिया समय पर नहीं मिलने से फसल सूख रही है।

रायसेन। जो लंबी लंबी लाइन देख रहे हैं यह किसी ट्रेन टिकट या सिनेमा के टिकट की लाइन नहीं है यह लाइन देश के अन्नदाता की है जो अपनी सूखती फसल को बचाने के लिए यूरिया के लिए दर-दर भटक रहा है।

जिले में 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बोनी की जा चुकी है। अधिकतर स्थानों पर 30 से 45 दिन तक की गेहूं की फसल हो गई है। इस तरह से गेहूं के अधिकतर रकबे में इन दिनों सिंचाई की जा रही है। जिले में कई जगह यूरिया नहीं मिल पाने से गेहूं की फसल पर असर दिखाई देने लगा है। यूरिया ना मिल पाने के कारण किसानों से सिंचाई का काम रुका हुआ है उन्हें जब यूरिया मिल जाएगा उसके बाद यूरिया का छिडक़ाव करने के बाद गेहूं की फसल की सिंचाई का काम शुरू करेंगे।

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