जबलपुर। नए साल में ओमिक्रोन का खतरा मुंह बाए खड़ा है। ऐसे में केंद्र हो या राज्य सरकार, सबकी चिंता बड़ों के साथ ही बच्चों को ओमिक्रोन से बचाने की है। नए साल में तीन जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरूआत की जाएगी। बताया जा रहा है कि जबलपुर जिले के स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी। स्कूलों में टीकाकरण केंद्र बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं बीमार 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भी तीसरी डोज लगाए जाने की तैयारी है। ऐसे में पहली और दूसरी लहर का सामना कर चुके लोगों और सरकारों के सामने तीसरी लहर के रूप में ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि ओमिक्रोन ज्यादा घातक नहीं है। लेकिन यह तेजी से फैलता है। एक संक्रमित मरीज कई गुना लोगों के लिए खतरा बन सकता है।
लेगी कोवैक्सीन की डोज
जिले में 15 से 18 वर्ष के छात्रों को कोवैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन को देखते हुए किशोरों के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जा रही है। छात्रों व अभिभावकों की काउंसलिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। एक हजार से अधिक क्षमता वाले स्कूलों में केंन्द्र बनाने पर जोर दिया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि सभी छात्रों को नजदीकी स्कूल में टीका लगाया जाए।
इंदौर, भोपाल के बाद जबलपुर पर खतरा
इंदौर, भोपाल में लगातार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। इन शहरों में खतरा तो है ही, जबलपुर में भी रोजाना मरीज मिलने लगे हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी इक्का-दुक्का मरीज मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में बड़े शहरों में कोरोना का खतरा ज्यादा मंडरा रहा है।
नए साल में बच्चों को सुरक्षा कवच, ओमिक्रोन से बचाना होगी चुनौती
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