आजादी का अमृत महोत्सव : किसके हिस्से आएगा अमृत..

जबलपुर। आजादी हमें यूं ही नहीं मिली। देश के कई वीरों ने अपने प्राण न्यौछावर किए, तो कई वीरों यातनाएं झेलीं। वर्षों के संघर्ष और बलिदानों के बाद देश को आजादी मिली। देश की आजादी को अब 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। केंद्र व रा’य सरकारें आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभक्ति, सांस्कृतिक व कई तरह के कार्यक्रम कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को साबरमती आश्रम गुजरात से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसी दिन महात्मा गांधी के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह की 91वीं वर्षगांठ भी थी। महात्मा गांधी के नेतृत्व में 19&0 में 12 मार्च को ही साबरमती आश्रम से नवसारी के दांडी तक विरोध प्रदर्शन निकाला गया था। दांडी मार्च ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार के खिलाफ अहिंसक प्रदर्शन था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतीकात्मक दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाई। दरअसल भारत के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक उपलब्धियों को स्मरण करने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक मनाया जाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आजादी के 75 वर्ष का यह पर्व एक ऐसा होना चाहिए जिसमें स्वाधीनता संग्राम की भावना, उसका त्याग लोग अनुभव कर सकें। मोदी का कहना है कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश के शहीदों को श्रद्धांजलि भी हो, उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प भी हो, सनातन भारत के गौरव की झलक भी हो और आधुनिक भारत की चमक भी हो। जनभागीदारी की भावना से 1&0 करोड़ देशवासियों को जोडक़र, आजादी के 75 साल का यह पर्व मनाना है।
आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य उन भूले क्रांतिकारियों, शहीदों को याद करना है, जिन्होंने अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया और उन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं मिला, जिसके वे हकदार हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के जरिए उन वीरों को नमन किया जा रहा है, जिनका इतिहास तक नहीं पढ़ाया गया। देश के साथ ही प्रदेश के ज्ञात-अज्ञात क्रांतिकारियों, शहीदों, रणबांकुरों, वीरांगनाओं और जननायकों की स्मृति में जनभागीदारी से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है, बल्कि युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत करने और भारत को शक्तिशाली बनाने का संकल्प का लिया जा रहा है। राजनीतिक पंडितों का यह मानना है कि इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को टारगेट कर रही है। भाजपा नेता कह रहे हैं कि आजादी में नेहरू परिवार का योगदान ’यादा बताया गया, जबकि अन्य क्रांतिकारियों को कोई जगह नहीं दी गई। आजादी का इतिहास कांग्रेस ने अपने तरीके से प्रस्तुत किया और कई वीरों का स्मरण तक नहीं किया।

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