जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर के गढ़ा, सूपाताल के पास स्थित बजरंग मठ में वीरेंद्रपुरी दादा भगवान ने 16 अगस्त 1967 को अखंड मानस यज्ञ प्रारंभ किया गया था। उनकी इस परंपरा का पालन आज भी किया जा रहा है। आज भी बरजंग मठ में उल्लास के साथ अखंड मानस यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
अखंड मानस यज्ञ के 55 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर इस वर्ष भी 5 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कि प्रतिदिन प्रात: काल रुद्राभिषेक के पश्चात सामूहिक सुंदरकांड, विधि विधान से हवन किया जा रहा है। वक्ताओं द्वारा मानस पर प्रवचन होंगे व अंत में संकीर्तन के साथ दिन के कार्यक्रम का समापन होगा। श्रदालु समय-समय पर सभी निर्धारित कार्यक्रमों का आनंद लाभ लेते नजर आये। भक्तजनों का आना निरंतर जारी रहा। हिट वॉइस से चर्चा करते हुये पण्डित अरुण शर्मा ने आयोजन के उद्देश्य व महत्व को परिभाषित किया। बजरंग मठ एक प्राचीनतम मंदिर है।
वीरेंद्रपुरी दादा भगवान ने 16 अगस्त 1967 को प्रारंभ किया था अखंड मानस यज्
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