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महापौर प्रत्याशी की करारी शिकस्त के बाद भाजपा में बागी सुर.. हार पर मंथन शुरू

जबलपुर। महापौर प्रत्याशी की हुई करारी हार के बाद हार पर मंथन का दौर शुरू हो गया है। जबलपुर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की मौजूदगी में पार्टी नेताओं ने हार के कारणों को तलाशने की कोशिश की। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि वे खुद निकाय चुनाव के नतीजों की समीक्षा करने जबलपुर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि महापौर पद पर मिली हार की भी समीक्षा की जाएगी।
दीपांकर बनर्जी और प्रभात साहू ने दिखाया आईना
महापौर पद के चुनाव में भाजपा की शिकस्त के बाद सोशल मीडिया पर लगातार मैसेज वॉर चल रहा है। कुछ नेता पराजय का दोष एक-दूसरे पर मढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक पक्ष यह भी तर्क दे रहा है कि भाजपा के 44 पार्षद जीते हैं, जो पार्टी की बड़ी सफलता है। पूर्व महापौर प्रभात साहू ने हार की जिम्मेवारी तय करने की बात कही थी। वहीं अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साले व भाजपा के वरिष्ठ नेता दीपांकर बनर्जी ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया में दी है।
यह लिखा दीपांकर बनर्जी ने
जबलपुर शहर में डॉक्टर जितेंद्र जामदार के परिवार का पुश्तैनी सेवा और समाज जीवन का जीवंत संपर्क और संवाद रहा है। पहली बात डॉ जितेंद्र जामदार जी का व्यक्तित्व विशिष्ट हैं, महापौर का चुनाव लडऩे लायक था ही नहीं। किन परिस्थितियों में कैसे उन्हें चुनाव लड़वाया गया? डॉ जितेंद्र जामदार का चुनाव में नकारात्मक परिणाम आना बहुत बड़े चिंतन का विषय है। विशेषकर भाजपा और अन्य सभी श्रेष्ठ संपर्कित संगठनों के लिए। महाकौशल के केंद्र बिंदु शहर में यह रिजल्ट आया है और यह रिजल्ट साधारण नहीं है, गंभीर चिंतन का विषय है। राजनैतिक व्यवस्था पूरी तरह से सड़-गल गई है, पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है। समय रहते ठोस कार्य प्रणाली अगर नहीं अपनाई जाती है तो वह दिन तो वह दिन दूर नहीं जब और भी विषमताएं संगठनात्मक दृष्टि से सामने आ सकती हैं। जिम्मेदार सोचें, विचार करें और समसामयिक परिणाम निकालें।

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