दिल्ली। देश के पहले स्वदेश युद्धपोत आईएनएस विक्रांत समुद्र का महाबली साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए पहले स्वदेशी युद्धपोत को देश को समर्पित करते हुए कहा कि यह 21 सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा का प्रमाण है। समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत। पीएम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। हर भारतीय के लिए गर्व और गौरव का अनुभव है स्वदेशी विक्रांत। उन्होंने कह कि अब भारत उन देशों में शामिल हुआ जिन्होंने स्वदेशी युद्धपोत बनाया है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमान तेजस आसमान का निगहबां बना हुआ है, तो आजादी के बाद पहली बार स्वदेशी तोप ने भी 15 अगस्त को दहाड़ लगाई है। 75 साल में यह पहली बार हुआ है, जब स्वदेशी हथियार भारत ने बनाए हैं और विकसित देश की श्रेणी में आ गया है।
उन्होंने इतिहास को याद करते हुए कहा कि नौसेना हमारी ताकत रही है। शिवाजी महाराज ने इसे सशक्त बनाया। इसलिए इस युद्धपोत को उन्होंने छत्रपति शिवाजी को समर्पित किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि एक समय कलाम साहब से किसी ने कहा था कि आपके शांतिप्रिय देश को हथियारों की क्या जरूरत है, तब कलाम साहब ने कहा था कि शांति और शक्ति एक दूसरे के पर्याय हैं। जहां शक्ति होगी, वहां निश्चित ही शांति होगी। उन्होंने कहा कि विक्रांत को देखकर समंदर की ये लहरें आह्वान कर रही हैं।
75 साल बाद समंदर में महाबली विक्रांत..आसमान में तेजस.. पहली बार दहाड़ी तोप
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