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नशेडिय़ों ने वर्देश्वर महादेव मंदिर गांजे के कारोबार का सेंटर पाइंट बना दिया

जबलपुर। जबलपुर के तिलवारा घाट स्थित वर्देश्वर महादेव मंदिर करीब 700 साल पुराना है। लेकिन यह ऐतिहासिक मंदिर अब नशे का अड्डा बन चुका है। पवित्र तीर्थस्थल तिलवारा घाट के पास स्थित इस मंदिर को नशेडिय़ों ने नशे के कारोबार का सेंटर पाइंट बना दिया है। यहां बैठे लोग गांजे का कश लगाते दिखाई देते हैं। बाबा राजेश पुरी, जो गांजा की चिलम दबाए हुए है। मंदिर की देखरेख व पूजा करने वाला यह बाबा खुद बता रहा है कि गांजा कहां से आता है।
डेढ़ साल पहले भाजपा नेता पंडित राममूर्ति मिश्रा ने भोलेनाथ की प्रेरणा से मंदिर का विस्तार कराया था। पुराने हनुमान मंदिर को हटाकर नया मंदिर बनाकर मूर्ति की स्थापना कराई। भोलेनाथ के चबूतरे का विस्तार किया गया। 40 बाई 40 में मंदिर का स्लैब डालकर इसे व्यापक स्वरूप दिया, ताकि श्रद्धालु यहां खड़े होकर पूजन-अर्चन कर सकें। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कई निर्माण कार्य शुरू कराए। लेकिन रामायण पाठ के बीच में ऐसे कतिपय लोग आने लगे, जो गांजे और सिगरेट के शौकीन थे। इसका असर यह हुआ कि मंदिर में भक्त कम आने लगे। जब पंडित राममूर्ति मिश्रा ने गजेडिय़ों का विरोध किया तो उन पर मंदिर में कब्जे के आरोप लगाए गए। जबकि हकीकत खुद यहां का सीताराम बाबा खुद स्वीकार कर रहा है कि यहां पर राममूर्ति मिश्रा ने विकास कार्य कराए हैं।
बताया जाता है कि यह पूरी साजिश उत्तम चंद जैन, शिशिर उपाध्याय और शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने रची है। आसपास के लोगों का कहना है कि शैलेंद्र सिंह और उसकी गैंग गांजा पीने वाला बाबा राजेश पुरी को इसलिए लेकर आई, ताकि उसकी आड़ में गांजा बिकवाने का काम किया जा सके। इस बात को खुद बाबा स्वीकार कर रहा है कि गांजा कहां से आता है। ऐसे में यह बात स्पष्ट होती है कि बाबा गांजे के अवैध कारोबार के बारे में सबकुछ जानता है। लोगों का कहना है कि सारे गंजेड़ी यह चाहते हैं कि मंदिर में कोई भक्त न आए, ताकि उनका नशे का कारोबार बेरोकटोक चलता रहे। इसलिए राजेश पुरी को मोहरा बनाकर धीरे-धीरे अब इस क्षेत्र को नशे का अड्डा बनाया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही तिलवारा में 15 लाख रूपए का गांजा पकड़ा गया था। वर्देश्वर मंदिर के पास नशेडिय़ों के पंडाल को पुलिस ने कुछ दिन पहले हटा दिया था, लेकिन राजेश पुरी शाहनाला के पास टपरिया बनाकर गांजा पी रहा है और पिला रहा है। सूत्रों का कहना है कि मंदिर के वातावरण को दूषित करने का असली मकसद आसपास की बस्तियों में गांजे की सप्लाई करना है। इसलिए चंडालचौकड़ी में शामिल तीन-चार लोग मंदिर को नशे का अड्डा बनाना चाहते हैं। यही लोग बाबा राजेश पुरी को आगे कर पुलिस को ज्ञापन दे रहे हैं। किराए से लाया गया बाबा राजेश पुरी का कहना है कि मंदिर में ताला डलवाया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि वर्देश्वर मंदिर पूरी तरह से ओपन है। सवाल यह है कि क्या अब मंदिर को व्यसन करने वाले चलाएंगे। जबकि इन लोगों के साथ कोई भी स्थानीय लोग नहीं हैं। वर्देश्वर महादेव के प्रति आस्था रखने वाले लोग इसका प्रतिकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तम चंद जैन, शिशिन उपाध्याय और शैलेंद्र सिंह ठाकुर अपने निहित स्वार्थों के लिए वर्देश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं होने दे रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांजे की बिक्री और मंदिर में आने वाले चढ़ावे के लालच में इनलोगों ने यह पूरा षडय़ंत्र रचा है। इसी कारण प्राचीन और ऐतिहासिक वर्देश्वर मंदिर विवादों में घिर गया है। वर्देश्वर महादेव मंदिर के अस्तित्व को बचाने और असामाजिक तत्वों को यहां से दूर रखने के लिए शहर के श्रद्धालुओं और जागरूक लोगों के साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस को भी आगे आना होगा, ताकि मंदिर का प्राचीन वैभव फिर से स्थापित हो सके।

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