Homeमध्यप्रदेश800 करोड़ की अंडरग्राउंड टनल, हादसे का जिम्मेवार कौन..?

800 करोड़ की अंडरग्राउंड टनल, हादसे का जिम्मेवार कौन..?

कटनी जिले के स्लीमनाबाद में टनल की मिट्टी धंसने से 9 मजदूरों की जान पर बनी
जबलपुर। बरगी व्यपवर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद अंडरग्राउंड टनल की चर्चाएं खूब हुईं। जबलपुर, सतना और कटनी जिलों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होती, अगर यह समय पर बन जाती। लेकिन इसके पहले ही एक बड़ा हादसा हो गया। 12 फरवरी को टनल की मिट़्टी धंस गई और 9 मजदूर दब गए। बहरहाल रेस्क्यू टीम ने 7 लोगों को किसी तरह बचा लिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या करोड़ों की इस टनल में सुरक्षा इंतजाम कौंड़ी के भी नहीं हैं। हादसे के बाद इन सवालों से जिला प्रशासन बचता नजर आ रहा है। बहरहाल अगर यह टन बन जाती तो लाखों किसानों की जिंदगी संवर जाती, लेकिन करीब 13 साल बीतने के बाद भी हालत जस के तस हैं और टनल बन नहीं पाई है। बहरहाल जिला प्रशासन और सरकार संभवत: इस हादसे में कंपनी का बचाव ही करेगी। क्योंकि इसके पहले भी दिलीप बिल्डकॉन, सीवर लाइन बिछाने वाली स्वान कंपनी का भी बहुत बढिय़ा तरीके से बचाव किया गया है। ऐसे में यह कंपनी भी पाक-साफ निकलेगी और पूरा दोष मजदूरों का ही रहेगा कि वे अपनी पेट की आग बुझाने के चक्कर में लापरवाही कर बैठे और कंपनी को बदनाम कर दिया।
2011 तक पूरा होना था काम
तारीख पर तारीख.. तारीख पर तारीख.. यह बात बड़ी ठेका कंपनियों पर पूरी तरह लागू होती है। ऐसा ही कुछ इस अंडरग्राउंड टन के साथ हुआ। इसकी लागत तो 1 करोड़ कम 800 करोड़ है। अनुबंध मार्च 2008 में हुआ और इसे 40 माह की अवधि में जुलाई 2011 तक बन जाना था। लेकिन कंपनी ने उस तेजी से काम नहीं किया और नतीजा सबके सामने है। बहरहाल ठेका कंपनी को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिया गया। आखिरी एक्सटेंशन जून 2023 तक का है। इसी कारण स्लीमनाबाद से तेजी से निर्माण कार्य कराया जा रहा था। टनल से जबलपुर जिले के 60 हजार हेक्टेयर, कटनी जिले की 21 हजार 823 हेक्टेयर और सतना जिले के एक लाख 59 हजार 655 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
बड़ी-बड़ी मशीनें, काम कब पूरा होगा, भगवान जाने
इस टनल के लिए विदेशों से भी मशीनें मंगाई गईं। चूंकि अंडरग्राउंड टनल बनना है, तो खुदाई के साथ ही सबकुछ अंडरग्राउंड ही होना था। पहले तो ठेका कंपनी मेसर्स पटेल, ईडब्ल्यू एस संयुक्त उपक्रम हैदाराबाद का काम धीमी गति से चला। अब जब तेजी आई, तो यह हादसा हो गया।

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