- टीकमगढ़ में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में पत्रकार ने सवाल पूछा तो भड़के बागेश्वर धाम सरकार, कहा कि तुम प्लांटेड हो
- तुम हमारा टाइम बर्बाद करने आए हो, अब हमारा प्रोटोकॉल चलेगा, तुम हमारे हिसाब से यहां बैठो
टीकमगढ़। बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कई दिनों से सुर्खियों में हैं। मीडिया भी उनसे सवाल पूछकर उनके दरबार का सच जानने में जुटा रहता है। ऐसा ही कुछ हुआ जब टीकमगढ़ में भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार सजा था। दरबार के दौरान एक पत्रकार ने सवाल पूछा तो बागेश्वर धाम सरकार भड़क उठे। उन्होंने कहा कि तुम प्लांटेड हो। उसके बाद नककटा कहकर मंच पर बुला लिया। इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पत्रकार से कहा कि बिना माइक के तुम आओ। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि तुम हमारा टाइम बर्बाद करने आए हो। मंच पर आने के बाद उससे कहा कि अब हमारा प्रोटोकॉल चलेगा। तुम हमारे हिसाब से यहां बैठो।
पर्ची दिखाते हैं, जिसमें नालायक लिखा था
बाबा उस पत्रकार पर इसलिए भड़क गए थे कि उसने बीच में सवाल पूछ लिया था। मंच पर बुलाकर धीरेंद्र शास्त्री ने उससे पूछा कि तुम्हें बीच में टोकने के लिए किसने कहा था? इस पर पत्रकार ने कहा कि मैं खुद से आया था। इसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उसके संस्थान का नाम पूछते हैं। संस्थान का नाम बताने के बाद बाबा उसे पर्ची दिखाते हैं, जिसमें नालायक लिखा था। इसके बाद उसे कहते हैं कि ठठरी बांध देंगे। तुम यहां से उठकर जाओ।
तुम पहले कान पकड़ो और क्षमा मांगो
इसके बाद बाबा पत्रकार के साथ बदतमीजी करते हुए मंच से कहते हैं कि तुम पहले कान पकड़ो और क्षमा मांगो। पत्रकार खुद को अकेला पाकर वहां कान पकड़ लेता है। इसके बाद उससे कहा कि तुम यहां मत आया करो। बाबा फिर से उससे कहते हैं कि एक पर्चा और है तुम्हारा। हम कच्ची गोली नहीं खेलते हैं।
दरबार में बीच में टोकने का अधिकार तुम्हें किसने दिया?
दोबारा पत्रकार सवाल पूछता है, बाबा फिर से जवाब देते हैं। इसके बाद उससे कहते हैं कि तुम फिर क्षमा मांगो। पत्रकार इनकार करता है तो बाबा कहते हैं कि हमारे दरबार में बीच में टोकने का अधिकार तुम्हें किसने दिया है। हमारा मंच है, तुम्हें टोकने का अधिकार किसने दिया है। तुम पत्रकार हो तो हमने तुम्हें बुलाया है क्या। क्या हम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। आपके पास कोई चिट्ठी गई, तुम कौन हो।
मुंडी पटककर तुम पांव पड़ो
इसके बाद बाबा पत्रकार को एक और पर्चा दिखाते हैं। यह देखकर वह सन्न रह जाता है। फिर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उससे कहते हैं कि मुंडी पटककर तुम पांव पड़ो। पत्रकार ऐसा करने से इनकार कर देता है। बाबा कहते हैं कि तुम पांव पड़ो, नहीं तो आगे हम और खोलेंगे। इस पर पत्रकार कहता है कि व्यक्तिगत मत होइए। इसके बाद पत्रकार मौखिक रूप से क्षमा मांगता है कि मैं अब सवाल नहीं करूंगा। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे चक्कर में फंसना मत।