सिहोरा जिला के लिए लोगों ने ही तैयार किया जनांदोलन, निगाहें राज्य सरकार पर
जबलपुर। सिहोरा सबसे बड़ी तहसील है। नेशनल हाईवे पर स्थित है और वो सब शर्तें पूरा करता है, जो जिला बनने के लिए चाहिए। 2003 में इसे जिला बनाने की घोषणा हुई, लेकिन फिर मामला उलझता गया और सिहोरा आज तक जिला नहीं बन पाया। ऐसे में सवाल यह है कि क्या सिहोरा जिला बनेगा? जब उससे छोटे शहर डिंडौरी, उमरिया और निवाड़ी जिले बन गए तो ऐसे में सिहोरा को भी जिला बनाना चाहिए, लेकिन लगता है कि सत्ता पक्ष अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। अगर सिहोरा जिला बना तो इसका निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही लेंगे। चूंकि इसी वर्ष चुनाव भी हैं, तो हो सकता है कि सिहोरा जिला बन जाए। लेकिन जबलपुर जिले से कम दूरी होने के कारण जिला बनने में थोड़ी मुश्किलें हैं। लेकिन राजनीतिक नफा-नुकसान के आधार पर ही इसका निर्णय हो पाएगा।
पूरी ताकत झोंकी
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने सिहोरा को जिला बनाने की मांग का वातावरण बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। समिति ने 10 ग्रामों का सघन जनसंपर्क करते हुए सिहोरा जिला संबंधी पर्चो का वितरण कर सभी को 9 अप्रैल को सिहोरा के विशाल आंदोलन में आने हेतु आमंत्रित किया। समिति ने घोषणा की कि अगले रविवार 19 अप्रैल को बहोरीबंद विधानसभा के बाकल से सिहोरा तक की ग्राम पदयात्रा निकाली जाएगी। इस आंदोलन को सत्तारूढ़ भाजपा,कांग्रेस,करणी सेना और बजरंग दल के पदाधिकारियों का भी समर्थन मिल रहा है। मझौली, कांकरदेही, रजवई , कुसमी, महगवां,पीपल देवरी, रिमझा पौड़ी कला ,पोड़ा और दर्शनी गांव का समर्थन मिल चुका है। समिति ने दावा किया कि सिहोरा को 2003 में जिला बना दिया है वर्तमान सरकार ने सिहोरा जिला के आदेश को विगत 20 वर्षों से रोक कर रखा है। लंबे समय से तहसील बन जाने के बाद भी आज मझौली पूर्ण तहसील नही बनी है। आज भी यहां पूर्णकालिक एस डी एम नही है,आज तक मझौली तहसील का तहसील कोड जारी नही हुआ है। मझौली में सिविल कोर्ट न होने और मझौली पिन कोड ने कटनी जिले में बताने पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया।