जबलपुर। मध्यप्रदेश की एक लोकसभा सीट के साथ 3 विधानसभा जोबट, पृथ्वीपुर और सतना जिले के रैगांव में विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है। अब मतदान के लिए कुछ ही घंटे शेष हैं। रिजल्ट तो धनतेरस के दिन यानि कि 2 नवंबर को आएगा। अब देखना होगा कि किस पार्टी पर वोटों की बरसात होती है। इन 4 सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस सतना जिले की रैगांव सीट पर रहा है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार दौरे किए, चुनावी सभाएं कीं और रात्रि विश्राम भी किया। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या भाजपा को यहां उलटफेर की संभावना दिखाई दे रही है। क्या दमोह की तर्ज पर कांग्रेस यहां मात देने की स्थिति में है। बहरहाल यह तो 2 नवंबर को ही पता चलेगा। लेकिन जिस तर शिवराज सिंह चौहान ने तूफानी दौरा किया, बैक टू बैक जनसभाएं कीं, उससे लगता तो यही है कि पार्टी का पूरा ध्यान रैगांव विधानसभा के उपचुनाव पर ही था। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सीएम के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी थे। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सत्ता-संगठन के लिए रैगांव सीट इतनी जरूरी क्यों है।
आदिवासी के घर नाइट हॉल्ट किया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रैगांव विधानसभा क्षेत्र में नाइट हॉल्ट किया और एक आदिवासी महिला के घर पर रूककर बिर्रा की रोटी भी खाई। जब सोशल मीडिया में ये तस्वीरें वायरल भी हुईं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी के लिए रैगांव की अहमियत क्या है। किसी भी पार्टी के लिए लोकसभा सीट ज्यादा मायने रखती है, लेकिन प्रदेश के मुखिया ने रैगांव को ज्यादा अहमियत दी।
मीटिंग करते सांसद को कांग्रेस प्रत्याशी ने लौटाया
रैगांव में कांग्रेस और भाजपा में वर्चस्व की लड़ाई किस तरह चल रही है, उसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यहां कोई भी पीछे हटने के मूड में नहीं है। रैगांव विधानसभा क्षेत्र के सितपुरा में जब एक घर में सांसद गणेश सिंह मीटिंग कर रहे थे, तो वहां कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा आ धमकीं। इस दौरान दोनों के बीच जमकर बहस हुई और कल्पना ने सांसद को वापस जाने के लिए भी कह दिया। सतना सांसद पहले तो अड़े रहे, फिर मौके की नजाकत को भांपते हुए मौके से चले गए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका इस अंदाज में पीछा किया, जैसे कि बहुत बड़ी जंग जीत लो हो। कांग्रेस ने इस मामले की लिखित शिकायत निर्वाचन अधिकारी व पर्यवेक्षक से की। जिसके बाद नागौद थाने में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया।
रैगांव विधानसभा उपचुनाव में क्यों है कांटे की लड़ाई.. क्या दमोह की तर्ज पर होगा उलटफेर..?
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