- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में दावा-जान गंवा देंगे 70 लाख लोग
दिल्ली। नमक के बिना तो भोजन का स्वाद आ ही नहीं सकता। नमक के लिए महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह किया था। जाहिर सी बात है कि वे अंग्रेजों से नमक का हक दिलवाना चाहते थे। लेकिन आजादी के बाद तक जो गड़ियों में नमक मिलता था, अब वो ऑयोडाइज्ड हो गया है। कंपनियों की पैकिंग में ना-ना प्रकार के दावों के साथ आ रहा है। कहा जा रहा है कि इससे घेंघा रोग नहीं होगा, परिवार स्वस्थ रहेगा, लेकिन अब इन दावों की पोल खुद डब्ल्यूएचओ ने खोल दी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट की मानें तो नमक ज्यादा खाने से कई बीमारियों की बीमारियां होती हैं। रिपोर्ट में इसे सफेद जहर मानते हुए दावा किया गया है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाया तो आने वाले 7 सालों में लगभग 70 लाख लोग नमक से होने वाली बीमारियों से अपनी जान गंवा बैठेंगे। दरअसल हर साल 14 से 20 मार्च तक वर्ल्ड सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जाता है।
कहां गया हमारा नमक?
आजाद के बाद कई दशकों तक हम खुला नमक यानि कि गड़िया वाला नमक खाते थे, जो बेहद कम कीमत में पड़ता था। लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने ऐसा घालमेल किया और यह प्रचारित किया कि इसके खाने से घेंघा रोग होता है। बस फिर क्या था पैकेटों में नमक आने लगा। ऑयोडाइज्ड नमक का दावा किया जाने लगा। फिर तो धीरे-धीरे गड़िया वाला नमक हमारे जीवन से दूर होता गया। पैकेटों में आने वाला नमक पहले 10 रूपए का आता था, जो अब 20-30 और 40 रूपए तक का मिलता है।
सेंधा नमक खाएं, स्वस्थ रहें
कई भारतीय परिवार आज भी सेंधा नमक खाते हैं। सेंधा नमक जमीन के नीचे एक चट्टान की तरह है। ये पूरी तरह से कुदरती है। इसे गुनगुने पानी में डालकर पीने से डिहाइड्रेशन, गले की खराश दूर होती है और शरीर में जमा गंदगी व टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। खाना पकाने में यूज करने से कब्ज, एसिडिटी, गैस व सीने में जलन जैसी समस्या कम होती है। नहाने के पानी में सेंधा नमक डालकर नहाने से शरीर की सूजन दूर हो सकती है। सेंधा नमक का यूज करने से ब्लड प्रेशर, सर्दी, खांसी, स्किन डिजीज, गठिया या डिप्रेशन जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसमें जिंक, आयरन, मैंगनीज जैसे कई खनिज होते हैं जो शरीर को जरूरी पोषण देते हैं। इससे इम्यूनिटी और स्टेमिना दोनों बढ़ता है।