स्कूल में बन गई ट्रेन तो पहुंचने लगे 100 फीसदी बच्चे, पढ़ाई में भी लग रहा मन

खरगोन। जिले के भीकनगांव विधानसभा के ग्राम नरगांव में एक अनोखा स्कूल है, जो पहले जर्जर था और बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे। ऐसे में खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए सरकारी स्कूल की रंगाई-पुताई करने गए गांव के पूर्व सरपंच को जब ये पता चला कि स्कूल भवन की हालत खराब होने से बच्चे बहुत कम पढऩे आते हैं। तब पेंटर ने खुद के खर्चे से माध्यमिक विद्यालय भवन की पुताई कर स्कूल को ही रेल के इंजन और ट्रेन का रूप दे दिया। अब हालत यह हैं कि 100 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंचने लगे हैं। किसानी करने वाले पेंटर जालमसिंह निगवाल ने भीकनगांव के कई प्रसिद्ध मंदिरों पर भगवानों की आकर्षक पेंटिंग की है। वे दो साल तक सरपंच भी रह चुके हैं। उन्हें स्कूल को ट्रेन की शक्ल देने का ख्याल आंध्र प्रदेश से आया था। खुद के खर्च पर कर दी पेंटिंग खंडवा लोकसभा उपचुनाव को लेकर सरकारी स्कूलों के भवनों को पोलिंग बूथ के लिए तैयार किया जा रहा है। खरगोन जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर भीकनगांव तहसील के नरगांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय पर भी पोलिंग बूथ की जानकारी लिखी जानी थी। करीब 15 दिन पहले गांव के पेंटर और पूर्व सरपंच रहे जालमसिंह निगवाल को ये जिम्मेदारी दी गई। जब वे स्कूल पहुंचे तो यहां बच्चों को उपस्थिति बेहद कम दिखी। जब स्कूल के प्रधान पाठक शिवराम गोलकर से पूछा तो उन्होंने बताया कि 40 फीसदी ही बच्चे स्कूल आ रहे हैं। बच्चे रोजाना स्कूल आएं इसके लिए उन्होंने स्वयं के खर्च से स्कूल का रंगरोगन करने का मन बनाया। पेंटर ने अपने खर्चे से स्कूल भवन की पुताई करने का प्रस्ताव दिया और स्कूल भवन को ट्रेन का रूप दे दिया। स्कूल पहुंचे बच्चे तो रह गए दंग अगले दिन जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो स्कूल को इस नए रूप में देखकर सभी खुशी से झूम उठे। स्कूल की रंगत में रंगे बच्चे इस कदर रंग गए कि अब रेल-रेल भी खेलने लगे। यहां पढऩे वाले बच्चों में पढ़ाई के प्रति भी उत्साह जबरदस्त बढ़ा है। हालत यह हैं कि अब लगभग शत-प्रतिशत उपस्थिति स्कूल में हो गई है। प्रधान पाठक के मुताबिक स्कूल में पहली से आठवीं तक 115 बच्चे दर्ज हैं और मुश्किल से 30-40 बच्चे ही स्कूल पहुंच रहे थे। स्कूल भवन को ट्रेन की शक्ल मिलने पर अब शत-प्रतिशत बच्चे स्कूल पहुंचने लगे हैं। गांव वालों ने पेंटर जालम सिंह निगवाल की इस पहल की जमकर तारीफ की है। आंध्र में पेंटिंग देखी तो आया ख्याल पूर्व सरपंच व पेंटर जालमसिंह निगवाल का कहना है कि में नई-नई कला को देखकर बहुत कुछ सीखता हूं। आंध्र प्रदेश की एक पेटिंग को देखकर उनकेे मन में यह ख्याल आया था। प्रधान पाठक शिवराम गोलकर का कहना है कि बच्चों में नया उत्साह लाने के लिए पेंटर मित्र जालमसिंह की वजह से इस तरह का नवाचार किया है। इससे बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी है और पढ़ाई के प्रति उत्साह भी। जबकि गाँव के वर्तमान सरपंच चंपालाल मोरे का कहना है कि इससे बच्चों में उत्साह बढ़ा है। छात्र आनंद का भी कहना है कि पहले हम स्कूल में ट्रेन-ट्रेन खेलते थे लेकिन अब स्कूल में ही ट्रेन आ गई है। छात्रा मनाली का कहना है कि अब पढ़ाई में भी मन लगने लगा है। पहले कम बच्चे आते थे लेकिन अब सभी बच्चे स्कूल आ रहे हैं।

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