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कफ्र्यू में ढील मिली तो बगैर बैंड-बाजा और बिना रिश्तेदारों के साथ निकल पड़ा दूल्हा राजा

खरगोन। जीवन में शादी एक बार होती है और हर दूल्हे का अरमान होता है की वह् घोड़ी पर बैठे उसके सभी रिश्तेदार आए दोस्त शादी में आए और अपने बारात नाचते गाते लेकर जाए। खरगोन शहर में रामनवमी के दौरान हुए दंगे के बाद प्रशासन द्वारा शहर में कफ्र्यू लगा हुआ है शहर के सामान्य स्थिति को देखते हुए 2 दिन से कुछ समय के लिए कफ्र्यू में ढील भी दे जा रही है आज प्रशासन द्वारा 4 घण्टे की ढील दी गई है इतने कम समय में तालाब चौक निवासी अमन वर्मा की आज बारात 35 किमी कसरावद जाने वाली है प्रशासन द्वारा शहर से बहार से अनुमति दी है लेकिन शहर के बहार तक दूल्हे को अपनी बारात पैदल ही निकालना पड़ी है । दुल्हे अमन वर्मा ने बताया कि बाहर से परिजन दोस्त कफ्र्यू के कारण शादी में नही आ पाये जीवन में शादी एक ही बार होती है और हर दूल्हे की इच्छा होती है बारात धूमधाम से निकाले शादी तो हो रही पर मन मे ये निराशा रहेगी।
यहां के मुसलमान तो बन गए कौमी एकता की मिसाल
डिंडौरी जिले के छोटे से गांव मेहंदवानी में हिंदू मुस्लिम भाइयों ने कौमी एकता की मिसाल पेश की है। दरअसल हनुमान जयंती पर मेहंदवानी में हिंदू संगठन के द्वारा जुलूस निकाला गया था जहाँ मस्जिद के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस में शामिल लोगों का न सिर्फ गर्मजोशी के साथ स्वागत किया बल्कि उन्हें स्वल्पाहार करा पानी पिलाया और मुस्लिम समुदाय के लोग खुद जुलूस में शामिल भी हुए। हिंदू संगठन के लोगों ने मुस्लिम समुदाय को रमजान और ईद की शुभकामनाएं दी तो वहीं मुस्लिम समाज ने हनुमान जयंती की शुभकामनाएं देकर कौमी एकता की मिसाल पेश की। मेहंदवानी कस्बे में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे के त्यौहारों को सद्भावना के साथ मिलकर मनाते चले आ रहे हैं। एक तरफ प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव का माहौल बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ डिंडोरी जिले का मेहंदवानी गांव हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है।

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