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क्या है सेंट्रल विस्टा.. कांस्य अशोक स्तंभ के साथ और भी रहेगा खास

क्या है सेंट्रल विस्टा.. कांस्य अशोक स्तंभ के साथ और भी रहेगा खास
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्माणाधीन सेंट्रल विस्टा के शिखर पर आरोहित कांस्य अशोक स्तंभ के अनावरण किया। राष्ट्र की शक्ति, गर्व और उत्कर्ष का प्रतीक यह राष्ट्रीय स्तंभ देशवासियों को सदैव राष्ट्रहित में समर्पित रहने हेतु प्रेरित करता रहेगा। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाली संसद भवन की नई इमारत है। यह करीब 65 हजार 400 स्क्वायर मीटर में बनाई जाएगी और यह भव्य कलाकृतियों से युक्त होगी। यह सब देश की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। इस विशाल भवन की लागत 13 हजार 450 करोड़ रूपए है। इमारत एक तिकोना ढांचा होगा और इसकी ऊंचाई पुरानी इमारत जितनी ही होगी। इसमें एक बड़ा संविधान हॉल, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, कई कमेटियों के कमरे, डाइनिंग एरिया जैसे कई कम्पार्टमेंट होंगे। लोकसभा चैंबर में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में 384 सीट होंगी।
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।
राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर का ‘राजपथ’
एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन प्रस्तावित है। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और इनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को भी स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिए कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा।

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