Homeताजा ख़बरतमिलनाडु में हिंदी बोलने पर बवाल, निशाने पर बिहारी, मारकाट-खूनखराबा

तमिलनाडु में हिंदी बोलने पर बवाल, निशाने पर बिहारी, मारकाट-खूनखराबा

दिल्ली । हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने पर दक्षिण के राज्यों में पहले भी बवाल हुआ है। इसी का नतीजा है कि डीएमके जैसी पार्टियां अस्तित्व में आईं। वहीं अब एक बार तमिलनाडु में हिन्दी को लेकर बवाल की स्थिति है। बिहार के कुछ मजदूरों का दावा है कि हिंदी बोलने पर उनके साथियों को तालिबानी सजा दी जा रही है। मजदूरी से उठे विवाद के बाद अब बात हिंदभाषी लोगों को मारने-काटने तक पहुंच गई है। कुछ मजदूरों का तो यहां तक दावा है कि 12 मजदूरों को एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया है। 15 से ज्यादा मजदूरों की हत्या हो गई। कई वीडियो ऐसे भी आए हैं, जिनमें कुछ स्थानीय लोग बिहारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे हैं। मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से मदद की गुहार लगाई है। बहरहाल बिहार सरकार भी हरकत में आ गई है और तमिलनाडु सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और बिहार से गए मजदूरों की हिफाजत करने की अपील की है।
शिवकट और तिरपुरा इलाके में हो रहे हमले
तमिलनाडु में शिवकट और तिरपुरा इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में ज्यादा हिंसा हो रही है। बताया जाता है कि यहां सबसे ज्यादा लोहे की फैक्ट्रियां हैं, जहां बिहार से गए मजदूर काम करते हैं। नारियल काटने के धारदार हथियार से बीच सड़क पर लोगों को काटने की घटना का जो वीडियो आया है, शिवकट का है। वीडियो बनाने और फोटो वायरल करने पर लोगों को ढूंढकर मारा जा रहा है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है। स्थिति यह है कि तमिलनाडु से निकलने के लिए स्टेशन पर बिहारी मजदूरों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
मजदूरी पर भड़का विवाद हिंदी तक पहुंचा
दरअसल कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे थे। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, वहां उनका विश्वास है। इसके बाद तमिलनाडु के मजदूर भड़क उठे। मामला वहां तो शांत हो गया, लेकिन इसके बाद हिंदीभाषी बिहार के मजदूरों पर हमले का सिलसिला शुरू हो गया।

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