Homeताजा ख़बरBUDGET पर वार-पलटवार, KAMAL NATH बोले-झूठी घोषणाबाजी, SHIVRAJ बोले-शर्म नहीं आती..!

BUDGET पर वार-पलटवार, KAMAL NATH बोले-झूठी घोषणाबाजी, SHIVRAJ बोले-शर्म नहीं आती..!

भोपाल। राज्य की भाजपा सरकार का बजट तो पेश हो गया, लेकिन उस पर वार-पलटवार जारी है। कमलनाथ ने कहा कि बजट झूठी घोषणाबाजी है, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन झूठों को थोड़ी शर्म तो आनी चाहिये। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कुछ मापदण्डों के आधार पर कर्ज की सीमा निर्धारित की जाती है, उसी के अनुपात में हम कर्ज लेते हैं। सीएम ने कहा कि कांग्रेस को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि 2002-03 में जीएसडीपी के 32 प्रतिशत तक कर्ज लिया गया था, जबकि अभी भाजपा सरकार का यह ऋण जीएसडीपी का केवल 29 प्रतिशत है। इन झूठों को थोड़ी शर्म तो आनी चाहिये। ये वही कांग्रेस है, जिसने 2017 में मेरी शुरू की गई आहार अनुदान योजना बंद की। इसमें हम 1 हजार रुपया बैगा, भारिया, सहरिया बहनों को देते थे। कमलनाथ जी बहनों का पैसा खा गये। संबल योजना, तीर्थ दर्शन जैसी अनेक योजनाएं योजना बंद करने का पाप किया। कांग्रेस की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी है। कांग्रेस के पास कुछ था नहीं, तो उन्हें लगा कि वित्त मंत्री की सभी बातें जनता के पास बहुत प्रभावी ढंग से जायेंगी, तो चिल्लाओ, हंगामा करो। यह लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार-तार किया गया।
दैहिक, दैविक, भौतिक तापा। रामराज काहु नहीं व्यापा।।
शिवराज ने कहा कि यह बजट रामराज्य की इसी संकल्पना को साकार करने वाला है। हमारा बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता की जिंदगी बदलने के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने का बजट है। यह बजट सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी और संतुलित है। प्रधानमंत्री ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया है। उसके लिए हमें मध्यप्रदेश को 550 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनानी है। यह बजट उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
घोषणाबाज सरकार की घोषणाओं का स्मारक : कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया में लिखा कि शिवराज सरकार का बजट एक झूठी घोषणाबाज सरकार की घोषणाओं का स्मारक है। प्रदेश की “झूठी सरकार का झूठा बजट“ है। ये कर्ज़, कमीशन और सत्यानाश का बजट है। बजट में सब कुछ “प्रस्तावित“ मात्र किया गया है। यदि हम पिछले वर्ष का बजट देखें उसमें भी जो प्रस्तावित प्रावधान थे उसमें से मात्र 55 प्रतिशत का वितरण किया गया, यह बजट तो मात्र 3 महीने का है, जिसमें चुनावी घोषणाएं और गुमराह और कलाकारी करने के अलावा और कुछ नहीं किया गया है।

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