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छत्तीसगढ़ में घमासान : PCC चीफ ने अपनी ही सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

  • सदन में मोहन मरकाम ने डीएमएफ फंड में लगाया बंदरबांट का आरोप, भाजपा ने कहा-इस्तीफा दें मंत्री रविंद्र चौबे

रायपुर। ऐसा कम ही होता है कि पार्टी का अध्यक्ष अपनी सरकार पर सवाल उठाए और गंभीर आरोप लगाए। लेकिन ऐसा हुआ है छत्तीसगढ़ में। विधानसभा के सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सवालों की बौछार कर दी। मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेरे में लिया। उन्होंने कोंडागांव में डीएमएफ फंड के बंटवारे में बंदरबांट करने का आरोप भी लगाया है। सवाल पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, जो कब से सरकार में सप्लाई का काम कर रही है। उनका कहना था कि 7 करोड़ डीएमएफ के पैसे का बंदरबाट की गई है। एक ही अधिकारी को बहुत से पद पर बैठाया गया है। मोहन मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा, क्या इस मामले की जांच कराएंगे।
बीजेपी को मिला मौका
मोहन मरकाम के सदन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से भाजपा को मौका मिल गया है। विपक्ष के सदस्य शिवरतन ने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगा रहे हैं। मंत्री रविंद्र चौबे को इस पर त्याग पत्र दे देना चाहिए। वहीं मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मामला गंभीर है। हम अध्यक्ष को धन्यवाद दे रहे हैं कि उन्होंने गंभीर मामले को उठाया है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर को अधिकार हैं कि वह किसे नोडल एजेंसी बनाए। राज्य स्तर के अधिकारी भेजकर जांच करवा लूंगा।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में है बदलाव की चर्चा
पिछले दिनों दिल्ली गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है। छत्तीसगढ़ के संगठन में फेरबदल होने जा रहा है। राष्ट्रीय अधिवेशन में तय नियमों के मुताबिक संगठन में बदलाव होंगे। चर्चा है कि अमरजीत भगत को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस में फेरबदल की चर्चा पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि जब संगठन अच्छा कर रहा है, तो उसे क्यों बदलना।

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