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कोरोना के साये में इस बार भी मनेगा गणेशोत्सव-नवरात्रि, जुलूस तो भूल ही जाएं

जबलपुर। यह लगातार दूसरा साल है, जब सभी त्योहारों का मजा कोरोना ने किरकिरा कर दिया है। पिछले साल भी यही हालात थे। तब न तो लोग गणेशोत्सव का आनंद उठा पाए और न ही दुर्गोत्सव में झांकियां देख पाए। इस साल कोरोना का संक्रमण फिलहाल कम है। लेकिन सरकार कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सरकार नेे अपनी ओर से दिशा निर्देश जारी कर साफ कर दिया है कि इस बार त्यौहारों की तडक़-भडक़ नहीं रहेगी। विसर्जन के पूर्व निकाले जाने वाले जुलूस इस बार नहीं निकलेगा। साथ ही ये पाबंदियां अन्य धर्मों के त्योहारों पर भी लागू रहेंगी।
पंडाल का साइज किया निर्धारित
मप्र सरकार की ओर से गृह विभाग ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि गणेश मूर्तियां के लिए पंडाल का आकार अधिकतम 30 बाई 45 फिट रहना जरूरी है। साथ ही ऐसी जगह झांकियां नहीं बनेंगी, जहां की सडक़ें या जगह संकरी हो और वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा सके। गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि झांकी स्थल पर भीड़भाड़ नहीं होनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
विसर्जन में 10 लोगों को अनुमति
अभी तक विजर्सन जुलूस में सैकड़ों लोगों की भीड़ हुआ करती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। मूर्तियों के विसर्जन में आयोजन समिति के 10 लोग शामिल हो सकेंगे और इसकी पूर्व अनुमति जिला प्रशासन से लेना अनिवार्य किया गया है। जिला प्रशासन के चयनित स्थनों पर ही मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।
चल समारोह रहेंगे प्रतिबंधित
धार्मिक या किसी सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे। विसर्जन के लिए भी जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में कानून का पालन करना होगा। यह भी ताकीद दी गई है कि सभी श्रद्धालु मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे। गाइडलाइन का पालन नहीं करने और भीड़ जुटाने पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। इसके अधिकार कलेक्टर को दे दिए गए हैं।

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