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”हलमा” की परंपरा पूरे MP में लागू होगी.. जानें आखिर क्या है हलमा..?

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ में किया ऐलान, कहा-हलमा जैसे कार्यक्रम में सरकार-समाज मिलकर खड़े हो जायें, तो दुनिया को बचाने का संदेश दे सकते हैं

भोपाल। झाबुआ में आयोजित विकास और सेवा के अद्भुत आयोजन ’हलमा उत्सव’ एवं विकास यात्रा के समापन समारोह में मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान सहभागिता की। उन्होंने 272 करोड़ लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि हलमा से दुनिया को सीखना चाहिये। इसमें जब कोई खेती में पिछड़ जाता था, तो लोग मदद करने आ जाते थे। कोई कुआं खोद रहा या मकान बना रहा है और हलमा के अंतर्गत आह्वान किया, तो गांव सहायता के लिए आ जाता था। मैं इस जनजाति परंपरा को नमन करता हूं। पेसा कानून जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल और जमीन के अधिकार देता है। इसके तहत तय किया गया है कि हर साल पटवारी और फॉरेस्ट गार्ड खसरा और जमीन की नकल लेकर आएंगे और बताएंगे कि कौन सी जमीन किसके नाम है। ताकि गड़बड़ी होने पर पता लग सके। कभी खूब बारिश, तो कभी अत्यधिक गर्मी, तो कभी बहुत सर्दी पड़ी है, मौसम का पूरा चक्र बदल गया है। यही ग्लोबल वॉर्मिंग है। हलमा जैसे कार्यक्रम में सरकार समाज मिलकर खड़े हो जायें, तो दुनिया को बचाने का संदेश दे सकते हैं।
यह है हलमा
बताते हैं कि हलमा भील समाज में मदद की एक परंपरा है, जो आदिकाल से चल रही है। जब कोई व्यक्ति या परिवार अपने संपूर्ण प्रयासों के बाद भी अपने पर आए संकट से उबर नहीं पाता है, तब उसकी मदद के लिए सभी ग्रामीण भाई-बंधु एकजुट हो जाते हैं। वे अपने निःस्वार्थ प्रयत्नों से उसे मुश्किल से बाहर ले आते हैं। यह परंपरा लोगों में आपसी विश्वास पैदा करती है, तो संकट से जूझ रहे परिवारों को राहत भी देती है।
पूरे मध्यप्रदेश में लागू करेंगे
उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि हलमा की इस परंपरा को पूरे मध्यप्रदेश में लागू करेंगे। समाज और सरकार के साथ मिलकर इसके लिए जरूरी प्रयास करेंगे। जल संरचनाएं बनाएंगे, पेड़ लगाएंगे। आइए, हम सब मिलकर प्रदेश के विकास में एक साथ प्रयास करें। अधिसूचित क्षेत्रों में बिना ग्राम सभा की अनुमति के रेत, पत्थर सहित कोई भी खनिज का पट्टा नहीं दिया जाएगा। पेसा कानून में हमने तय किया है कि खनिज पट्टों की स्वीकृति में पहला अधिकार अनुसूचित जनजाति की सहकारी सोसाइटी और बहनों को होगा। गाँव के तालाबों का प्रबंधन भी अब ग्राम सभा करेगी। साथ ही तेंदूपत्ता और लघु वनोपज तोड़ने, एकत्र करने एवं बेचने का अधिकार भी अब ग्रामसभा के पास होगा।
धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलने दूंगा


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी जमीन नहीं ली जाएगी। छल-कपट और धर्मांतरण का कुचक्र चलाकर जनजातीय भाई-बहनों की जमीन हड़पने वालों से ग्रामसभा हस्तक्षेप कर जमीन वापिस दिलाएगी। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना में प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलेंगे। इस तरह गरीब परिवार समृद्ध बनेगा। इससे कुपोषण का अंत होगा। जब हमारे गरीब परिवार संपन्न होंगे, तो प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी। इस अवसर पर सांसद गुमान सिंह डामोर, निर्मला भूरिया एवं अन्य गणमान्य साथी उपस्थित रहे।

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