केरल-कर्नाटक में सबसे ज्यादा केस, जनवरी के बाद मार्च में जबलपुर में मिला एक मरीज
भोपाल। क्या कोरोना वापस आ रहा है? क्या देश-प्रदेश और शहर में फिर से कोरोना डराने लगेगा? चीन में कोरोना की विनाशकारी लहर से यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कोरोना भारत में फिर वापसी करेगा। होली के पहले ही कुछ ऐसे संकेत मिलने लगे थे। इसके साथ ही एच-3 एन-2 वायरस ने भी चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस कुछ-कुछ कोरोना के जैसा ही है। इसका संक्रमण तेजी से फैलता है और सारे सिमटम्स भी कोरोना की तरह ही हैं। ऐसे में देश में कोरोना के बढ़ते मामले फिर डराने लगे हैं। 67 दिन बाद कोरोना के एक्टिव केस 3 हजार से ज्यादा हो गए हैं। देश में पिछले 3 हफ्तों से कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिली है। 27 फरवरी से 5 मार्च के बीच देश में कोरोना के 1898 मामले सामने आए। यह पहले के हफ्ते में आए कोरोना केस से 63 प्रतिशत ज्यादा है।
प्रदेश में आए 6 मामले
प्रदेश में होली के पहले 6 नए मरीज मिले है। इंदौर से तीन, भोपाल से एक और उज्जैन से एक मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। वहीं जबलपुर में भी जनवरी के बाद पहले केस मार्च में मिला है।
यहां खतरा बढ़ा
27 फरवरी से 5 मार्च के बीच सबसे ज्यादा कोरोना के केस दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में आए। इनमें 473 मामले कर्नाटक में आए। वहीं केरल में पिछले हफ्ते 410 मामले आए। महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते कोरोना के 287 मामले आए। इस तरह केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में आधे से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1474, कर्नाटक में 445 और महाराष्ट्र में 379 एक्टिव केस हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इन्फ्लूएंजा के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं उससे लगता है कि यह दौर लंबे समय तक चलेगा। इसके लक्षण जैसे खांसी और खराश तीन हफ्ते तक रह सकते हैं। कोरोना और इन्फ्लूएंजा के लक्षण मिलते-जुलते हैं। हालांकि, केस बढ़ने का एक दूसरे से संबंध नहीं है। उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिन्हें पहले से ये बीमारी है।