- शिवराज ने कहा-विकास यात्रा केवल कर्मकांड नहीं, जनता की बेहतरी का अभियान
- कमलनाथ बोले-मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं, पद की गरिमा और गंभीरता को समझिए
भोपाल। इस वर्ष के अंत तक मप्र में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में दोनों प्रमुख पार्टियों ने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। भाजपा जहां विकास यात्रा निकाल रही है, तो कांग्रेस भी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान और यात्राओं में व्यस्त है। दोनों पार्टियों का उद्देश्य प्रदेश की सत्ता पर फिर से काबिज होना है। इसी के मद्देनजर दोनों पार्टियां एक दूसरे पर वार-पलटवार और सवाल-जवाबों की झड़ी लगाए हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर रोज एक सवाल पूछ रहे हैं, तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उनके सवालों पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कांग्रेस और कमलनाथ जनता को गुमराह करते हैं, 10 सवालों में एक का भी जवाब नहीं दिया : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेशभर में विकास यात्राएँ प्रारंभ हो गई हैं। यह विकास यात्रा केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि जनता की बेहतरी का अभियान है। इसमें न सिर्फ विकास कार्यों का शिलान्यास, भूमिपूजन तथा लोकार्पण हो रहा है, बल्कि विभिन्न योजनाओं के वंचित हितग्राहियों को भी जोड़ा जा रहा है। सीएम ने कहा कि यह विकास यात्रा विकास के सम्पूर्ण कार्यों को देखने का अभियान है। विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद का अभियान है। सीएम जनसेवा अभियान के अंतर्गत 83 लाख लोगों को स्वीकृति पत्र दिए गए थे, उनको लाभ मिलना शुरू हो,यह इसका अभियान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ वोट लेने के लिए झूठ बोलकर जनता को गुमराह करते हैं। मैं अब तक 10 सवाल पूछ चुका हूँ पर उन्होंने एक का भी जवाब नहीं दिया। कमलनाथ ने किसानों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा पेंशन शुरू कर 1000 रूपए देने का वादा किया था। किसको पेंशन मिली? आपने जनता को धोखा दिया है।
कमलनाथ ने कहा-एक भी किसान को 90 प्रतिशत सब्सिडी मिली क्या
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज और भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की थी कि “सभी किसानों को जीरो टिल सीड ड्रिल और हैपी टर्बो सीडर्स पर 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी ताकि कटाई में विलंब के कारण दूसरी फसल पर असर ना पड़े। प्रदेश के किसी एक भी किसान को 90 प्रतिशत सब्सिडी मिली हो तो आप जनता को बता दें। उन्होंने कहा कि आप तो रोज अपना मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं? पद की गरिमा और गंभीरता को समझिये।