Homeताजा ख़बरतीसरे दिन नहीं चली संसद, अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर घमासान

तीसरे दिन नहीं चली संसद, अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर घमासान

  • विपक्ष ने की जेपीसी और संसद में बहस की मांग, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थिगित

नई दिल्ली। अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद घमासान मचा हुआ है। विपक्षी पार्टियां इसे बड़े अवसर के रूप में ले रही हैं, तो भाजपा फिलहाल बैकफुट पर है। इस मामले को लेकर कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक विरोध में उतरी हुई है। विपक्षी पार्टियों ने लगातार तीसरे दिन संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। दोनों सदनों में सोमवार को भी विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच और प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर हंगामा किया। मंगलवार को भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
भूकंप से जान गंवाने वालों को दी गई श्रद्धांजलि
सोमवार को तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के कारण जान गंवाने वाले लोगों को लोकसभा और राज्यसभा में श्रद्धांजलि दी गई। भूकंप से तुर्किये और सीरिया में 4500 से अधिक लोगों की जान चली गई है। हालांकि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इससे अधिक जानें गई हैं। हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं।
अडानी पर यह बोली कांग्रेस
अदानी समूह पर कांग्रेस सांसद व पूर्व मंत्री मनीष तिवारी कहा कहना है कि प्रश्न हमारे विश्वसनीयता का है, इसलिए उन्होंने सेबी के अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि हिंडनबर्ग ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थे तो सदन को ठप्प करने में माहिर थी। इनके दिग्गज नेता अरूण जेटली और सुषमा स्वराज कहते थे कि सदन को ठप्प करना लोकतंत्र का हिस्सा है। हम मुद्दे पर बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ममता बनर्जी और अडानी के अच्छे रिश्ते हैं, क्योंकि बंगाल में ताजपुर नामक एक पोर्ट बन रहा है। इसलिए वे मोदी जी के खिलाफ भी कुछ नहीं बोलतीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम चर्चा चाहते हैं, हम जेपीसी की मांग कर रहे हैं, तो ये घबरा क्यों रहे हैं।
भाजपा ने कहा-सदन चलने ही नहीं दे रहे और कह रहे सरकार भाग रही
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद में जब भी राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है तो सबसे पहला काम अभिभाषण पर धन्यवाद चर्चा करनी होती है। पहले विपक्षी दल धन्यवाद चर्चा करें, फिर जो चर्चा करनी है करें। लेकिन विपक्षी सदन चलने ही नहीं दे रहे और कहते हैं कि सरकार उत्तर नहीं देती और चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सदन चलाना चाहती है, जनहित के मुद्दों पर चर्चा चाहती है, लेकिन कांग्रेस हंगामा खड़ा कर सदन को बाधित कर रही है।

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