- 12 जून को पटना में होने वाली बैठक रद्द,अब 23 जून की तारीख तय
- खड़गे और राहुल के उपलब्ध होने पर ही बात आगे बढ़ेगी
नई दिल्ली,हिट वाइस न्यूज। बिहार की राजधानी पटना में 12 जून को होने वाली बैठक आखिरकार कांग्रेस के आला नेताओं के मौजूद न रहने के मद्देनजर रद्द कर दी गई है। यह बैठक अब 23 जून को रखी जाएगी। लगातार तीसरा मौका है जब विपक्षी दलों की मीटिंग की तय तारीख को ऐन मौके पर टाला गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पटना मीटिंग के लिए कांग्रेस पहले से ही राजी नहीं थी। इसके बावजूद जद यू और सीपीआई जैसी पार्टियों के नेताओं के कारण बैठक करने का फैसला कांग्रेस को विश्वास में लिए बिना ही कर लिया गया। कांग्रेस ने इसे अपनी तौहीन मानते हुए अपने बड़े नेताओं को बैठक में आने से मना कर दिया था। कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बैठक में नहीं जाएंगे क्योंकि खड़गे जहां अन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगे और राहुल गांधी भी विदेश प्रवास पर रहेंगे।
कांग्रेस केन्द्र बिन्दु की भूमिका में रहने की इच्छुक
राजनीति के पंडित मानते हैं कि कांग्रेस अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क को आधार बनाकर विपक्षी गठबंधन होने की दशा में केन्द्र बिन्दु की भूमिका में रहना चाहती है। उधर, विपक्षी दल मसलन स्वयं जनता दल यू नहीं चाहता कि गठबंधन की अगुवाई कांग्रेस के हाथों में जाए।ऐसा ही कुछ आरजेडी और कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता भी चाहते हैं। नतीजतन गठबंधन होने के पहले ही विपक्ष में एकराय देखने में नहीं मिल रही है। गठबंधन से पहले ही विपक्ष औंधे मुंह गिर रहा है।
राहुल ने भी माना , विपक्षी एकता है सपना
सोमवार को इस बीच राहुल गांधी ने भी मान लिया है कि विपक्षी दलों का एकसाथ आना बहुत ही कठिन काम है।इसके पीछे की वजह भी राहुल ने बताई है। कांग्रेस कई राज्यों में विपक्षी दलों के विरोध में चुनाव लड़ती है,ऐसे में एकता के लिए जरूरी है कि सभी विपक्षी दल लेन-देन व सीट शेयरिंग में समझौता करके भाजपा के विरुद्ध हर लोकसभा क्षेत्र में संयुक्त उम्मीदवार मैदान में उतारे।
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