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जिस बुजुर्ग को नेहरू-इंदिरा के समय मिली जमीन, उस पर दबंगों ने किया कब्जा रीवा।

मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री भले ही अपने आपको बुजुर्गों के सुपुत्र कहते हों, लेकिन उन्हीं के प्रशासनिक अधिकारी बुजुर्गों को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। रीवा से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल रीवा के हनुमना थाना अंतर्गत सगरा खुर्द के वार्ड नंबर 8 निवासी ननकू कोल के घर पर दबंगों के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इस वजह से पीडि़त दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। 90 वर्षीय बुजुर्ग ननकू कोल ने अपनी झोपड़ी सरकारी जमीन पर बनाए हुए थे। उस जमीन को नेहरू-इंदिरा के कार्यकाल में तत्कालीन हनुमना तहसीलदार द्वारा उनके नाम आवंटित कर दिया गया था। इतने सालों से काबिज होने के बाद भी बुजुर्ग को बेघर कर दिया गया और प्रशासनिक तंत्र मौन साधे हुए है। मारपीट कर घर से बाहर किया कुछ दबंगों के द्वारा जबरन पीडि़त के घर पर कब्जा कर लिया गया और पीडि़़त के साथ मारपीट कर घर से बाहर कर दिया। हालांकि पीडि़़त के द्वारा इसकी शिकायत सिविल न्यायालय से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक की गई, जिस पर हनुमना एसडीएम द्वारा पीडि़़त की शिकायत पर घर खाली करवाने के लिए हनुमना थाना प्रभारी को एक सप्ताह का समय दिया लेकिन आज तक दबंगों से घर को खाली नहीं कराया गया। जब बुजुर्ग न्याय की फरियाद लेकर थाना या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाता है भीख मांगने मजबूर बुजुर्ग ना रहने को छत, न खाने को खाना.. न्याय की आस लिए दर-दर घूमता 90 वर्षीय बुजुर्ग ननकू कोल के मन में अभी भी न्याय की उम्मीद दिखाई दे रही है। इस कारण वह कभी सरकारी भवनों में सोकर जिंदगी गुजार रहा है तो कभी भीख मांग कर खाना खा रहा है। लेकिन इस पर न तो शासन को कोई फर्क पड़ रहा है और न ही प्रशासन के कान में जूं रेंग रही। बुजुर्गों की सहायता के लिए आज तक कोई भी आगे नहीं आया। पीडि़़त बुजुर्ग चल पाने में सक्षम नहीं है। लेकिन फिर भी न्याय की उम्मीद लेकर आला अधिकारियों के समक्ष गुहार लगा रहा है कि कहीं न्याय अगर जिंदा हो तो पीडि़त को मिल सके। पीडि़त बुजुर्ग न्याय की उम्मीद लेकर बैठा है, लेकिन भ्रष्ट हो चुके आला अधिकारी बुजुर्ग पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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