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नए महापौर के सामने स्मार्ट सिटी में जाम की महासमस्या से निपटना होगी बड़ी चुनौती

जबलपुर। सिविक सेंटर हो या छोटी लाइन फाटक या घमापुर या मालवीय चौक या फिर रानीताल। सभी जगहों पर एक बड़ी समस्या जाम की है। यह समस्या अभी की नहीं है, बल्कि सालों पुरानी है। इसके पीछे की बड़ी वजह अतिक्रमण, सडक़ पर लगने वाले ठेले-टपरे, अव्यवस्थित पार्किंग और नए निर्माण कार्य होना है। चूंकि मर्ज काफी पुराना है, तो इलाज भी देर से ही होगा। नए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के सामने भी यही बड़ी चुनौती होगी। वे कैसे शहर को व्यवस्थित कर पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। शाम को जाम लगना, पर्व-त्यौहारों पर महाजाम लगना, कोई बड़ी बात नहीं है। शहर के लोग इसे वर्षों से भोगते आ रहे हैं और इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस को कोसते भी हैं। दमोहनाका से मदनमहल तक बनने वाले फ्लाईओवर ने तो समस्या और बढ़ा दी है। ऐसे में खराब सडक़ों पर निर्माण कार्य होना वाहन चालकों के लिए बड़ा खतरा है। कई वाहन गड्ढे में समा चुके हैं। शुक्र यह है कि अब तक किसी की जान नहीं गई। लेकिन नगर निगम के ऐसे निर्माण कार्यों को व्यवस्थित करना नवनिर्वाचित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के लिए चुनौती से कम नहीं होगा।
अनुभव आएगा काम
चूंकि हमारे नए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू अनुभवी हैं और उन्हें अच्छे से पता है कि अधिकारियों से कैसे काम कराना है। अब बस देर उनके शपथ ग्रहण की है। उम्मीद है कि शपथ ग्रहण होते ही वे एक्शन मोड में आ जाएंगे और चुन-चुनकर ऐसे अतिक्रमणों, सडक़ के नासूरों को हटवाएंगे। उन्होंने शहर को सुंदर बनाने का दावा भी किया है, इसलिए तो शहरवासियों ने उन्हें भारी बहुमत से जिताया भी है।
वेदप्रकाश जैसे आयुक्त की जरूरत
पूर्व नगर निगम आयुक्त वेदप्रकाश ने शहर को व्यवस्थित करने के प्रयास किए थे। उनके कार्यकाल में कई अतिक्रमण ढहाए गए, तो लेफ्ट टर्न का निर्माण भी किया गया, ताकि वाहन बिना रूकावट के आ-जा सकें। कुछ दिन तो ठीक रहा, लेकिन अब इन लेफ्ट टर्न पर दुकानें सज चुकी हैं, अतिक्रमण हो चुका है या फिर किसी के वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में नगर निगम को फिर किसी वेदप्रकाश जैसे अधिकारी की जरूरत है, जो ठोस फैसले लेकर शहर को व्यवस्थित कर सके।

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