रायसेन। प्रदेशभर में रोज रिश्वत लेते पटवारी, सचिव, प्राचार्य से लेकर पुलिसवाले तक पकड़े जा रहे हैं, लेकिन रिश्वत की बीमारी से निजात नहीं मिल पा रही है। बुधवार को ऐसा ही मामला रायसेन जिले में सामने आया, जब रिश्वत लेते पकड़े गए एसडीएम बीमार पड़ गए। फिर क्या था आननफानन में उन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने चेकअप किया और फिर उन्हें भोपाल रेफर करना पड़ा। बहरहाल रिश्वतखोरी से ज्यादा चर्चा बीमारी की हुई। लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार करने से कोई नहीं चूक रहा है।
लोकायुक्त एसडीओपी संजय शुक्ला ने बताया कि एसडीएम अनुविभागीय दंडाधिकारी मनीष जैन को 45 हजार रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं। एसडीएम मनीष जैन के बाबू दीपक श्रीवास्तव व कम्प्यूटर आपरेटर हरीनारायन अहिरवार ने फरियादी तनवीर पटेल से ग्राम अगरिया कला में क्रेसर मशीन की अनुमति देने के लिए एक लाख की रिश्वत मांगी थी। फरियादी ने बाबू को रिश्वत दी और उसने रिश्वत के 45 हजार रुपये लेकर एसडीएम को हाथों में दे दिए। लोकायुक्त एसडीओपी संजय शुक्ला और 8 सदस्यीय टीम कार्यवाही की। एसडीएम मनीष जैन की तबियत बिगडऩे पर तत्काल एंबुलेंस बुलाई गई और उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर्स कर दल ने उनका चेकअप करके उन्हें भोपाल रेफर कर दिया है।
रिश्वत के लिए नौकरी दांव पर लगा रहे
रिश्वतखोरी का चस्का ऐसा है कि प्रदेश के बड़े से बड़े अधिकारी, पुलिसवाले और पटवारी से लेकर सचिव और जिसे भी मौका मिल रहा है, वह लूटने से नहीं चूक रहा है। उन्हें भलीभांति पता है कि पकड़े गए तो नौकरी पर खतरा रहेगा, साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। लेकिन लालच इतना है कि भ्रष्टाचार से ही इनका पेट भरता है।
रिश्वतखोरी की बीमारी.. ४५ हजार की घूस लेते पकड़े गए एसडीएम को रायसेन से भोपाल करना पड़ा रेफर
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