Homeजबलपुरमेडिकल कॉलेज जबलपुर में किया गया किडनी का सफल प्रत्यारोपण

मेडिकल कॉलेज जबलपुर में किया गया किडनी का सफल प्रत्यारोपण

जबलपुर ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पहला और सफल किडनी का प्रत्यारोपण किया गया । इस ऐतिहासिक दिन के लिए जबलपुर के मेडिकल कॉलेज विभाग कई दिनों से तैयारी कर रहा था l पिछले महीने शासन की अनुमति प्राप्त होने के बाद नेफ्रोलॉजी एवं यूरोलॉजी विभाग किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी में जुट गया था l
चुनौतियां बहुत थी पर उनको पार किया गया l पहला प्रत्यारोपण भी जटिल था । दो धमनी होने के कारण पूर्व में इसे प्राइवेट सेक्टरों के अस्पतालों ने मना कर दिया था एवं किडनी के ना काम करने की संभावना भी बताई थी पर मेडिकल के चिकित्सकों ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया l किडनी प्रत्यारोपण में मरीज के पिता ने अपने पुत्र को किडनी दान कर उसे पुनः नया जीवन दिया है । इस प्रत्यारोपण में दोनों मरीज एवं डोनर पिता की तबियत पूर्व अनुमान के मुताबिक तेजी से सुधर रही है । उन्हें अगले छह से सात दिवस में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा ।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ जबलपुर वासियों के लिए भी यह बड़ी उपलब्धि है । किडनी की किसी भी बीमारी के लिये उन्हें अब जबलपुर के बाहर नहीं जाना पड़ेगा । गरीबों परिवारों के किडनी के रोगियों के लिये भी यह अत्यंत शुभ समाचार है कि मेडिकल में आयुष्मान योजना में किडनी प्रत्यारोपण पूर्णता निःशुल्क किया जाएगा l
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि में डीन डॉ प्रदीप कसार का भी अनुकरणीय योगदान रहा प्रत्यारोपण के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर जरूरी अनुमति लेने में विशेष योगदान दिया । जरूरी सामान एवं दवाएं भी कम समय में उपलब्ध कराई l शासन विशेषकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विश्वास सारंग की विशेष रूचि ने टीम का मनोबल हमेशा ऊँचा बनाये रखा एवं प्रेरित किया । किडनी रोग विभाग के डॉक्टर अश्वनी पाठक, डॉ नीरज जैन एवं डॉ तुषार ने सभी जरूरी परीक्षण कर पेशेंट व डोनर तैयार कर सभी टीम से समन्वय स्थापित किया । यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. फणीन्द्र सोलंकी ने सर्जरी का नेतृत्व किया l उनकी टीम में डॉक्टर अर्पण, डॉक्टर अविनाश, डॉक्टर प्रशांत, एवं डॉक्टर अनुराग का सहयोग रहा । निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ अपर्णा, डॉ मीना, डॉक्टर कमल एवं डॉक्टर अनिवेश का योगदान रहा । सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ वाईआर यादव ने विशेष इंतजाम एवं जरूरतों को पूर्ण कर अनुकरणीय योगदान दिया ।

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