प्रदेश का पहला डेयरी स्टेट, जहां गोबर से बिजली और जैविक खाद बनेगी

रंग ला रहे मध्यप्रदेश गोपालन व पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी के प्रयास
जबलपुर। मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। उनके प्रयासों से ही जबलपुर में प्रदेश का पहला डेयरी स्टेट साकार होने वाला है। 50 एकड़ में फैले परिसर मे डेयरी संचालकों को ं70 प्लाट मिलेंगे। खास बात यह है कि डेयरी स्टेट परिसर में 10 हजार पशुओं का रखा जा सकता है। डेयरी से निकलने वाली गोबर से बिजली बनाने का प्लांट भी यहां स्थापित हो रहा है। 50 एकड़ में फैले इस परिसर में 50 पैसे प्रति वर्गफीट और 40 हजार रुपए धरोहर राशि लेकर 10 वर्षों तक प्लाट आवंटित किया जाएगा। पांच, साढ़े सात और 15 हजार वर्गफीट साइज के प्लॉट यहां पर हैं। मप्र पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने परिसर में पौध रोपण कर परिसर को ग्रीन बनाने की शुरुआत कर दी है और पूरे परिसर में प्लांटेशन कर हरा-भरा बनाया जाएगा। इस मौके पर भाजपा प्रदेश कार्यसमित के सदस्य पंडित राममूर्ति मिश्रा, सीईओ डॉ. एसके कुर्मी व अन्य लोग मौजूद रहे।
महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने बताया कि शहर से 25 किमी दूर नीमखेड़ा के पास खम्हरिया में ये डेयरी स्टेट मप्र राज्य पशुधन और कुक्कुट विकास निगम ने 10 करोड़ रुपए में तैयार किया है। उन्होंने बताया कि 2010-11 में इस परियोजना के लिए नगर निगम ने 125 करोड़ की राशि मांगी थी। परिसर में 2 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी और 200 घन मीटर क्षमता का गोबर गैस प्लांट बनाया गया है। डिजाइन कुछ इस तरह का बनाया गया है कि प्लॉट से गोबर सीधे प्लांट तक पहुंचेगा। परिसर में 70 प्लॉट से नालियों को सीधे गोबर गैस प्लांट तक जोड़ा गया है। इसकी बनावट ऐसी है कि गोबर डेयरियों से बहकर प्लांट तक जाएगा। इस परिसर में पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, पशु रोग जांच प्रयोगशाला, दाना व भूसा गोदाम भी होगी। बिजली और सडक़ का काम हो चुका है। स्लरी बायोगैस से रात में बिजली बनेगी और यहीं से ड्राइ कम्पोस्ट और लिक्विड बनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी के प्रयास रहे हैं कि गोपालन के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार के साथ स्वावलंबी बनाया जाए। इस उद्देश्य से यहां डेयरी स्टेट बनाया गया है। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी ने बताया कि यह मप्र की पहली योजना है। इसके माध्यम से गो आधारित उद्योग करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यहां गायों के साथ भैंसें भी रखी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि गाय हमारी आर्थिक समृद्धि का आधार है। नवाचार का ही यह एक अंग है। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों को इसका लाभ लेना चाहिए।
निगम के एमडी एचबीएस भदौरिया ने बताया कि उद्यमी ऑनालाइन आवेदन 10 फरवरी तक कर सकते हैं। 50 से अधिक आवेदन आने पर लॉटरी सिस्टम के माध्यम से चयन होगा। एक मार्च से इसे चालू करने का टारगेट रखा गया है जिसमें विस्थापित डेयरी संचालकों को भी जगह मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक 15 आवेदन मप्र राज्य पशुधन कुक्कुट विकास निगम को मिल चुका है।
एमडी भदौरिया के मुताबिक शहर में अभी 400 के लगभग डेयरी संचालित हैं। अभी गौर व नर्मदा में इसकी गंदगी मिलती है। कई डेयरी तो शहर में ही संचालित हो रही हैं। जिले में तीन लाख गोवंश, एक लाख के लगभग भैंस, सवा लाख के लगभग बकरा-बकरी, एक हजार के लगभग भेड़, पांच हजार के लगभग सुअर और 50 से अधिक घोड़े हैं। कलेक्टर से मनरेगा या दूसरी योजना से सीधा रास्ता डेयरी स्टेट तक तैयार कराने के लिए चर्चा की है। ये सडक़ गांव के बाहर से निकलेगी।
मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी ने बताया कि यह मप्र की पहली योजना है। इसके माध्यम से गो आधारित उद्योग करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यहां गायों के साथ भैंसें भी रखी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि गाय हमारी आर्थिक समृद्धि का आधार है। नवाचार का ही यह एक अंग है। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों को इसका लाभ लेना चाहिए।

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