- नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा, कथावाचक सुरेंद्र दुबे शास्त्री ने सुनाई कथा
जबलपुर। श्रीमद् भागवत कथा के मात्र एक श्लोक का श्रवण करने से एक हजार गोदान का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है। वैसे तो श्रीमद् भागवत कथा का रसपान देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, लेकिन जेल में बंद होते हुए भी आपको श्रीमद् भागवत कथा सहज रूप से सुनने को मिल रही है। यह आप सभी के पूर्व जन्म के संचित किए हुए पुण्य कर्मों का फल है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से कथावाचक शिव मंदिर कचनार सिटी के मुख्य आचार्य व मां दक्षिणेश्वरी धाम के संस्थापक सुरेंद्र दुबे शास्त्री जी महाराज ने कथा सुनाई।
बंदियों के आध्यात्मिक व मानसिक उत्थान के लिए हो रही कथा
उन्होंने कहा कि बंदियों के आध्यात्मिक एवं मानसिक उत्थान के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में जेल के बंदी ही संगीत दे रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है जब विभिन्न अपराधों की सजा भुगत रहे बंदियों की टीम श्रीमद् भागवत कथा में शामिल होकर धर्म और भक्ति की गंगा बहा रही है। आर्गन, ढोलक, तबला, पैड सहित अन्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा में बंदी ही संगत दे रहे हैं। कथा में मध्य प्रदेश कलाकार एसोसिएशन के अध्यक्ष कविता सिन्हा एवं मनोज ने शानदार भजन प्रस्तुत किए।