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शिवराज ने पूछा, बेरोजगारी भत्ता दिया क्या? कमलनाथ बोले-किसानों का शोषण तत्काल बंद करिए

भोपाल। चुनाव के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में वार-पलटवार जारी है। शिवराज ने युवा नीति लांच की और युवाओं को 8 हजार रूपए प्रशिक्षण के दौरान देने की बात कही। उन्होंने कमलनाथ से पूछा कि आपने बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, लेकिन दिया नहीं। उनके इस बयान पर कमलनाथ ने किसानों का मुद्दा उठाया। पढ़िए किसने क्या कहा..!
प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से कहा कि मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि मध्यप्रदेश में एक सुविचारित युवा नीति लॉन्च की गई है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित युवाओं के समग्र विकास के सारे पहलू सम्मिलित हैं। 12 वीं पास ऐसे युवाओं के लिए जिन्हें काम की जरूरत है, हमने मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना बनाई है। बच्चों को कौशल संपन्न बनाने और आजीविका की न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति के लिए हमने मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना बनाई है। 1 जून से इसके रजिस्ट्रेशन होना प्रारंभ हो जाएंगे। विभिन्न संस्थानों के साथ टाईअप करके युवाओं को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा और प्रतिमाह ₹8 हजार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं कमलनाथ से पूछना चाहता हूं कि आपने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, कितने बेटे-बेटियों को दिया? हमने तो अपने बच्चों को 8 हजार रुपये प्रतिमाह देने के लिए बजट में 1 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। कमलनाथ जी, जवाब दीजिये।
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झूठा वादा किया
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी किसानों पर अत्याचार करने में पहले से ही आप पूरी दुनिया में नंबर वन हैं। आपने मंदसौर में किसानों पर गोली चलवाई, आपने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झूठा वादा किया, आपने किसान कल्याण का बजट खर्च नहीं किया, आपने लाखों किसानों को डिफाल्टर बना दिया फिर भी किसान उत्पीड़न से आपका मन नहीं भरा। अब आपने भारी-भरकम बिजली बिल भेज कर किसानों का शोषण का नया तरीका निकाला है। बिजली बिल ना चुका पाने पर अब तक आप मोटरसाइकिल, टीवी, सिलाई मशीन, जैसे सामान जब्त करवा रहे थे, लेकिन अब तो आपने किसान की जमीन भी कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिवराज जी, यह खेत मिट्टी का प्लॉट नहीं है, बल्कि किसान की धरती मां है। इसी में उपजे अन्न से पूरी सृष्टि का पालन होता है। आपने किसान की जमीन कुर्क करके अत्याचार की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। बिजली बिल वसूली के नाम पर किसानों का शोषण तत्काल बंद करिए।

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