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Big News : राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म, लोकसभा सचिवालय ने लैटर किया जारी

मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का फैसला, वायनाड से सांसद थे राहुल गांधी
दिल्ली। आखिरकार जिसका अंदेशा था, वही हुआ। कांग्रेस नेता व केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय से इस संबंध में शुक्रवार को एक पत्र जारी हुआ है। मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मामले में सूरत कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई।
अपील के लिए मिला था 30 दिन का समय
सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी को अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया था। राहुल गांधी के वकील ने भी कहा था कि हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। अभी तक हाईकोर्ट में राहुल की तरफ से अपील नहीं की गई है।
अपने ही जाल में फंस गए राहुल
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया कि अगर किसी सांसद या विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती है, तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। वो अगला चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा। इस फैसले का सबसे बड़ा प्रभाव लालू प्रसाद यादव पर पड़ सकता था। चारा घोटाले में फैसला आने वाला था। लालू की पार्टी उस वक्त यूपीए सरकार का हिस्सा थी। ऐसे में मनमोहन सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश लाई, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाता। 24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाती है। यहां जयराम रमेश पत्रकारों से बात ही कर रहे थे कि अचानक राहुल गांधी पहुंच गए। वे कहने लगे ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए।’ उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। यह देखकर जयराम रमेश और अन्य कांग्रेस नेता अवाक रह गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब वे क्या सफाई दें। राहुल गांधी के एंग्री यंगमैन स्वरूप को देखकर यह लगा कि वे भ्रष्टाचार विरोधी छवि गढ़ना चाहते हैं, ताकि यूपीए सरकार का छवि चमकाई जा सके। इसके बाद यह अध्यादेश वापस ले लिया जाता है, लेकिन इससे सरकार की छवि खराब हो जाती है। 2013 को राहुल ने अध्यादेश फाड़ा और ठीक 10 साल बाद अब राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मानहानि का दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद की सजा सुना दी है। ऐसे में चर्चा है कि अगर ये अध्यादेश पास हुआ होता तो राहुल गांधी पर लोकसभा सदस्यता खत्म होने से बच सकती थी।

राहुल गांधी ने एंग्री यंगमैन बनकर फाड़ा था अध्यादेश.. अब उन्हीं पर मंडराया खतरा

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