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आरटीओ संतोष पाल फिर विवादों में, इस बार अवैध वसूली और गुंडे पालने के लगे आरोप

जबलपुर। जबलपुर आरटीओ संतोष पाल इससे पहले एक ऑटो ड्राइवर को धमकाते नजर आए थे कि वह ऑटो में गांजा रखवाकर उसे जेल भिजवा देंगे। यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि उन पर फिर अवैध वसूली और गुंडे पालने के आरोप लगे हैं। बहरहाल जि़म्मेदार अधिकारी पर सडक़ पर उतरकर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के आरोप गंभीर हैं। दरअसल जबलपुर के आरटीओ संतोष पाल अपने दस्ते को साथ लेकर इन दिनों जबलपुर के साथ ही पड़ोसी जिलो की सीमाओं में परिवहन विभाग की रसीद की बजाए एक टोकन देकर अवैध वसूली कर रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि दूसरे राज्यों के साथ आसपास के जिलों से आने वाले ट्रकों को रोककर 1000 रुपए से लेकर 5000 तक की अवैध वसूली की जा रही है और इसकी बाकायदा अवैध रूप से पर्ची भी दी जा रही है जिससे ये भारी वाहन पूरे माह भर बेरोकटोक जिले की सीमा में आ जा सकें।
आरटीओ में भ्रष्टाचार भी तिजौरी भरने कम पड़ रहा
जबलपुर में संतोष पाल का नाम चर्चाओं में रहा है। यहां भारी भ्रष्टाचार है और संतोष पाल की जड़ें भी काफी मजबूत हैं। लेकिन इसके बाद भी जिले की सीमाओं पर इन दिनों चैकिंग के नाम पर परिवहन विभाग के कर्मचारी, अपने अधिकारी की शह पर जमकर जिले की सीमाओं पर सुबह से तैनात होकर वाहन चालकों को न केवल निशाना बना रहे हैं, बल्कि उनके द्वारा भारी वाहनों से भारी भरकम वसूली की जा रही है। आरोप तो यहां तक हैं कि अंधाधुंध वसूली का यह खेल किसी जबलपुर के परिवहन महकमे के बड़े अफसर यानी आरटीओ की निगरानी में हो रहा है। जबलपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यानी आरटीओ संतोष पाल खुद अपने कर्मचारियों के साथ सुनसान सडक़ों पर तैनात हो जाते हैं और फिर शुरू होता है दूसरे राज्यों और शहरों से आने वाले भारी वाहनों के ड्राइवरों से वसूली का सिलसिला। राजस्थान से ट्रक लेकर जा रहे ड्राइवर राकेश और रायगढ़ के रास्ते जबलपुर होते हुए गुडगांव जा रहे पंजाब के ड्राइवर सरबजीत सिंह से अवैध वसूली के लिए आरटीओ और उसके कर्मचारियों ने किस तरह से गुंडागर्दी की।
बदसलूकी, गालीगलौज, गुर्गे भी रखे
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी यानी आरटीओ की मौजूदगी में परिवहन विभाग के कर्मचारी भारी वाहन लेकर जिले की सीमाओं में प्रवेश करने वाले ड्राइवरों से न केवल बदसलूकी कर रहे हैं बल्कि अवैध वसूली की रकम न देने पर गाली गलौज और मारपीट तक कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक एक बोलेरो और स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार होकर आरटीओ अपने गुर्गों के साथ जिले की सीमाओं के पास सुनसान जगहों पर तैनात हो जाते हैं और फिर परिवहन नियमों की धौंस दिखाकर हजारों की उगाही कर रहे हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि ट्रकों को रोककर 1000 रुपए से लेकर 5000 तक की अवैध वसूली की जा रही है और अवैध वसूली करने के बाद बकायदा ट्रक ड्राइवरों को एक पर्ची थमा दी जाती है। यही पर्ची 1 माह तक बेरोकटोक जिले में प्रवेश का लाइसेंस होता है, साइकिल स्टैंड की तर्ज पर दी जा रही है। इस पर्ची में न तो कोई सरकारी सील लगी होती है और न ही इसका जिक्र। यानी कि वसूली की यह रकम सीधे-सीधे आरटीओ की जेब में जा रही है।
ट्रक ड्राइवरों में आक्रोश
सरकारी अधिकारी के द्वारा लगाकर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली की हरकत से ट्रक ड्राइवरों में गहरा आक्रोश है। एक दिन पहले ही आरटीओ की अवैध वसूली से परेशान कुछ ट्रक ड्राइवरों ने इसकी सूचना जबलपुर ट्रक एसोसिएशन को दी थी। मौके पर पहुंचे जबलपुर ट्रक एसोसिएशन के सदस्यों की अवैध वसूली को लेकर आरटीओ संतोष पाल और उनके कर्मचारियों से कहासुनी भी हो गई और फिर मामला मंडला जिले के बीजाडांडी थाना पहुंच गया।
कर लिया सैटलमेंट
मामले के तूल पकड़ता देख आरटीओ संतोष पॉल ने ट्रक एसोसिएशन से माफ़ी मांगते हुए समझौता कर लिया, जिसके बाद ट्रक एसोसिएशन के लोग बिना शिकायत के वापस चले गए। वहीं अपने ऊपर लग रहे आरोपो पर आरटीओ संतोष पॉल उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर इंकार कर रहे हैं। संतोष पाल का कहना है यदि पर्ची से जुड़ा कोई सबूत है तो उन्हें दिखाया जाए, वह उसकी जांच करवाएगें, जबकि वसूली करने वाले संभागीय दस्ते के कर्मचारी हैं और इस संभागीय दस्ते के प्रभारी खुद संतोष पाल हैं। अब ट्रक ड्राइवर अपनी गाड़ी चलाएं या शिकायत करते फिरें, यह बड़ा सवाल है।
20 साल से जबलपुर में जमे
जबलपुर में परिवहन विभाग में आरटीओ संतोष पॉल करीब 20 से ज्यादा से पदस्थ हैंं और बाबू के पद से परिवहन विभाग में नौकरी से शुरुआत करने वाले संतोष पाल जबलपुर में ही रहकर आरटीओ तक का सफर तय किया। उनकी पत्नी रेखा पाल भी उन्हीं के कार्यालय में पदस्थ है। इस तरह एक ही जगह 20 साल से भी ज्यादा तक तैनात रहने की वजह से संतोष पाल के हौसले बुलंद हैं। जिसके कारण वह अब खुलेआम अवैध वसूली करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। लेकिन अब देखना ये है कि आरटीओ के इस अवैध वसूली के खेल पर कब लगाम लगती है।

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