अयोध्या। राम की नगरी अयोध्या जहां प्रभु श्रीराम विराजमान हैं। यहीं पर उनका जन्म हुआ, लेकिन दुर्भाग्य से उनका मंदिर नहीं बन पाया। अब 2019 से उनका भव्य मंदिर बनना शुरू हुआ, जो कि जनवरी 2024 में पूरा हो जाएगा। अभी रामलला अस्थायी मंदिर में विराजमान हैं। रामनवमी के दिन भगवान राम प्रकट हुए। कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि सहित 10 हजार से ज्यादा मंदिरों में मंगल गीत गूंजने लगे और पुष्प वर्षा हुई। जन्मभूमि दरबार सहित पूरे मंदिर को 50 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला पीले वस्त्र, सोने का मुकुट और हार पहने हुए हैं। अस्थायी राम मंदिर में यह उनका आखिरी जन्मोत्सव है। अगले साल रामनवमी से पहले वे नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। श्रीराम का मंदिर 1800 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
दर्शन के लिए खुला रामलला का दरबार
रामलला का दरबार सुबह सात बजे दर्शन के लिए खुल गया। जन्मोत्सव 11 बजे से शुरू हुआ। कनक भवन में दर्शन 8 बजे से शुरू हो गए। श्रीरामवल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, सियाराम किला, रामलला सदन, अशर्फी भवन, जानकी महल ट्रस्ट, मंत्रार्थ मंडपम, मणिराम दास जी की छावनी, दशरथ महल, जानकीघाट बड़ा स्थान, रंग महल, बड़ा भक्तमाल, राम वैदेही मंदिर, कोसलेश सदन, सनकादिक आश्रम आदि मंदिरों में भी दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया।
अयोध्या तैयार, हेलिकॉप्टर से रामनगरी का दर्शन शुरू
उप्र के योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के हवाई दर्शन की व्यवस्था शुरू कर दी है। 29 मार्च से अगले 15 दिन तक श्रद्धालु अयोध्या के हवाई दर्शन कर सकेंगे। एक बार में 7 दर्शनार्थी हेलिकॉप्टर में बैठकर अयोध्या का भ्रमण कर सकेंगे। उन्हें करीब 10 मिनट आसमान से राम नगरी को देखने का अवसर मिल रहा है। हालांकि इसके लिए हर दर्शनार्थी को 3 हजार रुपए देना होगा। यह हेलिकॉप्टर सेवा 2024 में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के पहले का रिहर्सल भी है।
अस्थायी मंदिर में रामलला का अंतिम जन्मोत्सव, अगले साल भव्य मंदिर में विराजेंगे
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