दिल्ली। कभी राजनीतिक दलों को समर्थन देने वाले और हराने और जिताने का दंभ भरने वाले सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने अब राजनीति को राम-राम कह दिया है। अब वे किसी राजनीतिक पचड़े में नहीं पड़ेंगे। दरअसल साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में उम्रकैद की सजा भुगत रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को अब समझ में आ गया है कि राजनीति उनके बस की बात नहीं है और राजनीति के कारण उन्हें नुकसान हो सकता है। उन्होंने अपने डेरे के पॉलिटिकल विंग को भी भंग कर दिया है। चुनाव में किस सियासी पार्टी का समर्थन करना है, इसका फैसला यही पॉलिटिकल विंग करता था। मतदान से 24 घंटे पहले अपने नेटवर्क के जरिये डेरे के लाखों अनुयायियों तक उससे जुड़ा संदेश भी पहुंचाता था। हालांकि अब राम रहीम ने अनुयायियों से भी कह दिया है कि अब डेरे का कोई राजनीतिक विंग नहीं होगा।
आश्रम की तरह है बाबा की कहानी
प्रकाश झा ने वेब सीरीज आश्रम बनाई थी, जिसके 3 पार्ट मैक्स प्लेयर पर ऑनलाइन हो चुके हैं। अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि बॉबी देओल ने जिस बाबा का किरदार निभाया है, वह राम रहीम से प्रेरित है। वेब सीरीज में बाबा का भी पॉलिटिक विंग था, सीएम और पूर्व सीएम उनके दरबार में मत्था टेकते थे। लेकिन यौन शोषण के कारण बाबा को जेल हो जाती है। यह कहानी कुछ-कुछ राम रहीम से मिलती-जुलती लग रही है।
विवाद से बचने के लिए किया भंग
डेरा सच्चा सौदा के पॉलिटिकल विंग का गठन 2007 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से एक साल पहले किया गया था। राम रहीम को 2017 में पहली बार सजा होने के बाद पिछले कुछ चुनाव में डेरा अपने अनुयायियों को बीजेपी के पक्ष में वोट देने का संदेश देता रहा है। हालांकि डेरा कभी खुलकर ये समर्थन नहीं देता और मतदान से 24 घंटे पहले डेरे के पॉलिटिकल विंग की ओर से डेराप्रेमियों को संदेश पहुंचाया जाता रहा है। पंजाब-हरियाणा और हिमाचल में तमाम पार्टियों के नेता चुनाव से पहले समर्थन पाने के लिए इन डेरों की शरण में पहुंचते रहे हैं। बताया जाता है कि राम रहीम ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि डेरा अब समाजसेवा के काम पर फोकस करना चाहता है।
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राजनीति से राम रहीम की राम-राम, पॉलिटिकल विंग भंग किया, चुनाव में किसी का समर्थन नहीं
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