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सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? कहने पर राहुल गांधी को 2 साल की सजा..!

  • मानहानि केस में सूरत कोर्ट का फैसला, राहुल गांधी दोषी करार, 2019 को चुनावी रैली में कहा था

दिल्ली। राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी माना है। राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। हालांकि राहत की बात यह है कि कुछ देर बाद राहुल गांधी को 30 दिन के लिए जमानत भी मिल गइ्र है। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे।
मंशा गलत नहीं थी
राहुल गांधी ने कोर्ट में अपना पक्ष भी रखा। उनके वकील के मुताबिक, राहुल ने कहा कि बयान देते समय मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए। कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
राहुल आईपीसी की धारा 500 में दोषी करार
राहुल को आईपीसी की धारा 400 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं। केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेश के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
समाज को चोर कहा, इसलिए ठेस पहुंची
सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसीलिए इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधानमंत्री को निशाना बनाया गया था, न कि पूर्णेश मोदी को।

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