पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की धमकी पर गरमाई सियासत, भाजपा के एक तीर से कई निशाने
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के बयान पर फिर सियासी महाभारत छिड़ गई। दरअसल कमलनाथ ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि वे भाजपा का बिल्ला-पट््टा रखकर न घूमें। हमारी सरकार आएगी तो फिर चाहे कोई रिटायर क्यों न हो जाए, उसकी फाइल खोली जाएगी। उनके इस बयान पर सबसे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा और कहा कि बिल्ला और पट्टा कांग्रेस की संस्कृति है। कमलनाथ के धमकाने से खुद इनके लोग चुप नहीं होते। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संविधान के दायरे में काम करता है और इनकी धमकी से नहीं डरेगा। प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है, पंजाब में पंजा लड़ रहा है। यही हालत रही तो अगली बार कांग्रेस को ढूंढते रह जाओगे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम राजनीति के बारे में ही नहीं सोचते। हम सामाजिक दायित्वों पर भी चिंतन करते हैं और कांग्रेस फरेब की राजनीति करती है।
शिवराज बोले.. पहले कांग्रेस पार्टी देखो
कमलनाथ के कर्मचारी विरोधी बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रतिक्रिया देने में देरी नहीं की। उन्होंने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ जी आजकल कर्मचारियों को धमका रहे हैं। यह धमकाने वाला अंदाज अलोकतांत्रिक है। मध्य प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी कर्तव्यनिष्ठ हैं। कमलनाथ जी कह रहे हैं मैं देख लूंगा.. मैं कहता हूं पहले कांग्रेस पार्टी देखो। सीएम ने कहा कि पंजाब में सिद्धू जी कुछ और सिद्ध कर रहे हैं, राजस्थान के हाल अलग हैं। छत्तीसगढ़ में चुनी हुई सरकार दिल्ली में परेड कर रही है। घर संभल नहीं रहा और कर्मचारियों को धमकाने निकले हैं। यह बौखलाहट कर्मचारियों पर क्यों निकल रही है।
किसे सियासी नफा-नुकसान
पूर्व सीएम कमलनाथ इससे पहले भी कर्मचारियों को धमका चुके हैं। इस बार उनका यह बयान यह जताने के लिए था, कि उनकी सरकार आई, तो वे भाजपा के करीबी अधिकारियों को नहीं बख्शेंगे। इस बयान पर भाजपा का प्रयास है कि कांग्रेस को कर्मचारी विरोधी बताया जाए और प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को अपने पाले में रखा जाए। दरअसल राज्य में एक लोकसभा और तीन विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। इसलिए भाजपा ने अवसर नहीं खोया और कांग्रेस पर हमले कर बैकफुट पर धकेलने का प्रयास किया।