Sunday, June 4, 2023
HomeLatest Newsचैत्र नवरात्रि पर करें मां को प्रसन्न, जानें 9 दिन का महत्व...

चैत्र नवरात्रि पर करें मां को प्रसन्न, जानें 9 दिन का महत्व और पूजा की विधि

जबलपुर। माता की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च से हो रहा है। पंचक में मातारानी पृथ्वी पर पधारेंगी लेकिन आदिशक्ति जगदंबा की पूजा में पंचक का असर नहीं होता। ऐसे में पहले दिन घटस्थापना सुबह 06.29 से लेकर 07.39 तक शुभ मुहूर्त में होगी। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा नाव की सवारी कर पधारेंगी, जो बहुत शुभ माना जाता है। उनके जाने का वाहन डोली रहेगी। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन दो बेहद शुभ ब्रह्म और शुक्ल योग का संयोग भी बन रहा है, जिसमें माता की पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा। देवी पूरे 9 दिन तक धरती पर भक्तों के बीच रहेंगीं।
नवरात्रि में 9 दिन का महत्व
नवरात्रि शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है नव और रात्रि यानी की 9 रातें। हमारे देश में ’रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल में शक्ति और शिव की उपासना के लिए ऋषि-मुनियों ने रात्रि को ज्यादा महत्व दिया है। धार्मिक मान्यता है कि रात्रि में शांति होने के कारण कई तरह के अवरोध खत्म हो जाते हैं। रात्रि में ईश्वर से संपर्क साधना ज्यादा प्रभावशाली है। 9 रातों में देवी के 9 स्वरूप की आराधना से साधक अलग-अलग प्रकार की सिद्धियां प्राप्त करते हैं।
एक वर्ष में चार नवरात्रि
पुराणों में एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ के महीनों में कुल चार बार नवरात्रि का जिक्र मिलता है। लेकिन चैत्र और अश्विन महीने की नवरात्रि को ही प्रमुखता से मनाया जाता है। इसके अलावा बाकी दो नवरात्रों को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए मनाए जाने का विधान है।
पूजन के लिए ये करें तैयारी
-मिट्टी का कलश और उसे ढकने के लिए पराई के साथ अन्य पूजा सामग्री जैसे जौ, साफ मिट्टी, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली, कपूर, आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल, चावल या फिर गेंहू, मिठाई, फल, मेवे, पूजा थाली, गंगाजल, नवग्रह पूजन आदि की व्यवस्था पहले ही कर लें।
-माता के श्रृंगार की सामग्री पहले ही जुटा लें। 9 दिन रोज श्रृंगार कर सकते हैं या फिर नवरात्रि के पहले दिन से लेकर अष्टमी के दिन तक पूजा से पहले देवी का श्रृंगार कर सकते हैं।
-लाल चुनरी के साथ लाल चूड़ियां, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, आलता, बिंदी, शीशा, कंघी जैसे श्रृंगार के सामान पहले ही जुटा लें। माता की तस्वीर रखने के लिए चौकी और बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा जरूर रखें।
-अगर नौ दिन का व्रत रख रहे हैं या फिर नौ दिन अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इसके लिए शुद्ध घी, बड़ा दीपक (पीतल), बाती और थोड़े चावल के साथ दीपक को बुझने से बचाने के लिए कांच का शीशा जरूर रखें।
-हवन के लिए हवन कुंड, रोजाना लौंग के 9 जोड़े, कपूर, सुपारी, गुग्गुल, लोबान, घी, पांच मेवा, चावल, आम की लकड़ी, धूप, लकड़ी, नौ ग्रह की लकड़ी आदि इकट्ठा कर लें।
-चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से आखिरी दिन तक रात्रि में देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और फिर दुर्गासप्तशती का पाठ करें। इससे देवी दुर्गा बेहद प्रसन्न होती है और साधक के हर कष्ट हर लेती हैं।
चैत्र नवरात्रि की तिथियां

  • पहला दिन – 22 मार्च 2023 (घटस्थापना) : मां शैलपुत्री पूजा
  • दूसरा दिन – 23 मार्च 2023 (द्वितीया तिथि) : मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • तीसरा दिन – 24 मार्च 2023 (तृतीया तिथि) : मां चंद्रघण्टा पूजा
  • चौथा दिन – 25 मार्च 2023 (चतुर्थी तिथि) : मां कुष्माण्डा पूजा
  • पांचवां दिन – 26 मार्च 2023 (पंचमी तिथि) : मां स्कंदमाता पूजा
  • छठा दिन – 27 मार्च 2023 (षष्ठी तिथि) : मां कात्यायनी पूजा
  • सांतवां दिन – 28 मार्च 2023 (सप्तमी तिथि) : मां कालरात्रि पूजा
  • आठवां दिन – 29 मार्च 2023 (अष्टमी तिथि) : मां महागौरी पूजा
  • नौवां दिन – 30 मार्च 2023 (नवमी तिथि) : मां सिद्धिदात्री पूजा, राम नवमी।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments