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कुदरत का कहर : जबलपुर में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट, अन्नदाता के माथे पर खींची चिंता की लकीरें

  • शाम को ग्रामीण और देर रात शहरी क्षेत्र में गरज चमक के साथ ओलावृष्टि और बरसे बादल

जबलपुर। सोमवार शाम को जिले की पाटन तहसील के अंतर्गत कटंगी पौड़ी चरगवा पटना ककरहटा जटासी मिडकी सहित अन्य ग्राम में कुदरत का कहर बरपा, जहां किसानों की फसलों पर गरज चमक के साथ अति ओलावृष्टि हुई। किसानों की माने तो इस ओलावृष्टि से गेहूं सहित अन्य फसलें जमीन पर विछ गई इससे किसानों को भारी क्षति हुई है। किसानों का कहना है कि कुदरत ने एक बार फिर से मुंह का निवाला छीन लिया कटंगी के समीप पौड़ी ग्राम में जिस तरह से ओलावृष्टि हुई, उसे जिसने भी देखा वह अवाक रह गया। किसानों के अनुसार जमीन में 6 इंच तक की परत पड़ गई जिससे किसानों के माथे में एक बार फिर से चिंता की लकीरें खींच गई। इस संबंध में किसान हाकम सिंह उर्फ गब्बू ठाकुर नेक नारायण सिंह दिलराज सिंह महेंद्र सिंह राघवेंद्र सिंह ने बताया कि इस ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को अधिक छति हुई है।

करीब 100 ग्राम तक के ओले गिरे

पौड़ी ग्राम के लोगों ने बताया कि तेज हवा बारिश के साथ करीब 100 ग्राम तक के ओले गिरने से गेहूं की फसल चौपट हो गई है। साथ ही बाली का दाना भी टूट कर जमीन पर बिछ गया है।
वही कुछ किसानों ने बताया कि मंडियों में बिकने जाने को तैयार खेतों में खड़ी और कटी फसलें बारिश और ओलावृष्टि से चौपट हो गईं। इस आसमानी आफत यानी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान गेहूं, चना की फसल बर्बाद होने से हुआ है। आसमान से आफत के रूप में मूसलाधार बारिश हुई, जबरदस्त ओलावृष्टि हुई। 30 मिनट तक ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश ने तबाही मचा के रख दी। गांव के गलियारों में, सड़कों पर, घरों के आंगन और छप्पर पर, हर तरफ सफेद ओलों की चादर दिखाई दी। किसानों ने बताया कि दिन रात मेहनत करने के बाद इस वर्ष काफी अच्छी फसल की उम्मीद जताई जा रही थी किंतु उस पर भी पानी फिर गया।

देर रात शहर में बरसे बादल

देर लगभग 11:45 पर शहरी क्षेत्रों में गरज चमक के साथ ओलावृष्टि और जमकर बरसात हुई जिसके चलते अधिकांश क्षेत्रों की लाइट गोल हो गई।

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