- ई-20 यानी एथेनॉल मिला पेट्रोल होता है, जो बिकना शुरू हो चुका है
- 2025 तक सभी जगह ई-20 पेट्रोल उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया
- अभी 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुने पेट्रोल पंप पर ही यह मिलेगा
नई दिल्ली। पेट्रोल के दाम फिलहाल करीब-करीब 110 रूपए के आसपास चल रहे हैं। एक समय था जब दाम 125 रूपए तक पहुंच गए थे। इससे महंगाई तो बढ़ी ही, साथ ही आम आदमी की जेब भी खाली हो गई। हां, सरकार ने अपने खजाने भरे, और जब ज्यादा हाय-तौबा मची तो दाम 5-10 रूपए कम कर दिए। लेकिन जनाब, यह बात तो पुरानी हो चुकी है। नई कहानी ये है कि अब पेट्रोल 60 रूपए के रेट पर मिलेगा। अगर खुश हो गए हों, तो ज्यादा उछलने की जरूरत नहीं है। मन में लड्डू फूट रहे हैं तो जरा संभलिए, क्योंकि यह अभी कुछ शहरों में होगा। सस्ते पेट्रोल के लिए अभी सभी को इंतजार करना होगा। हां, यह भी हो सकता है कि तब तक दाम उछलकर 100 रूपए के पार हो जाएं। बहरहाल, आपको बता ही देते हैं कि पूरा माजरा आखिर है क्या?
कई शहरों में मिलने लगा सस्ता पेट्रोल
देश के कुछ शहरों में ई-20 पेट्रोल मिलना शुरू हो गया है। ई-20 यानी एथेनॉल मिला पेट्रोल होता है, जो बिकना शुरू हो चुका है। केंद्र सरकार यह ईबीपी यानी एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के तहत कर रही है। अभी दस से ज्यादा शहरों में बिक्री शुरू हुई है। अगले दो साल में देशभर में ई-20 पेट्रोल मिलने लगेगा। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे पुरानी गाड़ियों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन इसकी भी टर्म्स एंड कंडीशन हैं। 2025 तक सभी जगह ई-20 पेट्रोल उपलब्ध कराने का टारगेट तय किया गया है। इसका फायदा यह है कि इससे ज्यादा प्रदूषण नहीं होता है। हां, अगर टंकी में पानी भर गया तो समस्या होनी तय है।
एथेनॉल आखिर होता क्या है?
जानकारों का कहना है कि एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल होता है। यह स्टार्च और शुगर से बनता है। इसे गन्ने के रस, मक्का, सड़े आलू, सड़ी सब्जियां, मीठा चुकंदर, ज्वार, चावल की भूसी, गेहूं की भूसी या बांस से बनाया जाता है। अभी 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुने पेट्रोल पंप पर ही यह मिलेगा।
पुरानी गाड़ियों में ऐसे होगा प्रयोग
ई-20 पेट्रोल से उन गाड़ियों में समस्या होगी, जिनका इंजन पुराना है। ये भी हो सकता है कि ई-20 पेट्रोल से माइलेज कम हो जाए। एथेनॉल की वजह से इंजन के पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं। इसलिए इंजन के पाइप्स और प्लास्टिक पार्ट्स को नुकसान हो सकता है। हालांकि इंजन के पाइप और कुछ प्लास्टिक पार्ट बदलवाए जा सकते हैं। हालांकि यह थोड़ा महंगा भी पड़ सकता है। जितनी पुरानी गाड़ी होगी, उसमें उतना कम एथेनॉल ब्लेंड वाला पेट्रोल बेहतर रहेगा। हालांकि यह नुकसान नई गाड़ियों और ई-20 कम्पेटिबल गाड़ियों में नहीं होगा।