छत्तीसगढ़ में त्योहारों के दौरान सड़कों पर लगने वाले पंडाल, स्वागत गेट और इससे होने वाले ध्वनि व वायु प्रदूषण के साथ ही आम जनता को हो रहे स्वास्थ्य और मानसिक परेशानी के मुद्दे पर आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण छत्तीसगढ़ की नागरिक संघर्ष समिति ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच भोपाल के समक्ष याचिका दायर कर रायपुर के कलेक्टर, एसपी, निगम आयुक्त और प्रबंध संचालक विद्युत वितरण कंपनी कंपनी पर नियमानुसार जुर्माना लगाने की मांग की।
जानकारी के अनुसार याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसके सिंह व एक्सपर्ट मेंबर डाक्टर अरुण कुमार वर्मा की संयुक्त पीठ ने कलेक्टर से 17 जुलाई तक याचिका में प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर रिपोर्ट मांगी है। समिति की तरफ से अधिवक्ता गौरवांवित जैन ने पैरवी की।समिति की तरफ से बताया गया है कि वर्ष 2022 के त्योहारी सीजन चालू होने के पहले समिति ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव आवास और पर्यावरण, पर्यावरण संरक्षण मंडल, रायपुर के कलेक्टर, एसपी, निगम आयुक्त, सभी थाना प्रभारी और निगम के सभी जोन कमिश्नर को पत्र लिखकर एनजीटी के वर्ष 2016 आदेश अनुसार सड़कों पर पंडाल नहीं लगना देना सुनिश्चित करने की मांग की थी।
एनजीटी के आदेश को अनदेखा करते हुए बिजली कनेक्शन दिए
बताया जा रहा है कि विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक, रायपुर के सभी अधीक्षण और कार्यपालन अभियंता को एनजीटी के आदेश के परिपालन सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर लगने वाले पंडालों को बिजली कनेक्शन न देने की मांग की थी।नागरिक संघर्ष समिति द्वारा ऐसे 48 रजिस्टर्ड पत्र लिखे गए थे,जिसमें कुछ व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों से मिल कर दिए गए थे।याचिका में बताया गया कि समय-समय पर अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी शहर में सड़कों को बाधित करते हुए सैकड़ों पंडाल सड़क पर लगे विद्युत वितरण कंपनी ने सभी को एनजीटी के आदेश को अनदेखा करते हुए बिजली कनेक्शन दिए है।
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