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पेसा एक्ट गैर-जनजातीय भाई-बहनों के विरुद्ध नहीं है : शिवराज

मुख्यमंत्री ने धार के कुक्षी में कहा-भाजपा के राज में आदिवासियों का शोषण नहीं होगा
धार। पेसा एक्ट को लेकर भाजपा शासित राज्य सरकार जनजागरूकता अभियान चलाने में जुट गई है। धार के कुक्षी में आयोजित पेसा जागरूकता सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। यह जनजातीय भाई-बहनों के हित में है, गैर-जनजातीय भाई-बहनों के विरुद्ध बिल्कुल नहीं है। यह जनजातीय भाई को सशक्त बनाने वाला एक्ट है। पेसा एक्ट में विकास कार्यों या किसी भी प्रोजेक्ट के लिए जमीन ग्रामसभाओं के माध्यम से ही ली जा सकेंगी। ग्राम सभा मना कर देगी तो उस भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा। इसके पूर्व जनजातीय नायकों को प्रणाम और शक्ति स्वरूपा कन्यापूजन किया गया। सम्मेलन में हितानंद शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा उपस्थित रहे।
कपटी लोगों से सावधान रहें
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट में अब पटवारी को हर साल ग्राम सभा के बीच में वन क्षेत्र और गांव की जमीन का नक्शा तथा खसरे की नकल व पूरी डिटेल भरनी होगी, ताकि धोखाधड़ी से किसी की जमीन किसी के नाम न हो जाए। अब मामा और भाजपा के राज में यह शोषण नहीं होगा। अगर किसी ने निर्धारित ब्याज से ज्यादा या बिना लाइसेंस के कर्जा दिया तो वह कर्ज वसूली नहीं करवा पाएगा। उसका कर्ज माफ कर दिया जाएगा। मैं आपको आगाह भी कर रहा हूं। कुछ कपटी लोग बेटी से शादी करके जनजातीय की जमीन अपने नाम लिखवा लेते हैं, फिर चुनाव लड़ लेते हैं और धर्मांतरण का भी प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है। अगर सरकार को अनुसूचित क्षेत्र में से कोई भी खनिज का पट्टा, रेत, मिट्टी, गिट्टी व पत्थर लेना हो तो सर्वे भी तब करेगी जब गाँव वाले व ग्राम सभा अनुमति देंगे।
यह भी कर सकेंगी ग्राम सभाएं
शिवराज ने कहा कि भाजपा की सरकार ने गांव-गांव में तालाब बनवाये हैं। इन तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभाएं करेंगी। तालाब में मछली पालन होगा या नहीं, यह ग्राम सभा तय करेगी और उससे प्राप्त होने वाली राशि ग्राम सभा को मिलेगी। खदानों व खनिजों पर पहला अधिकार जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा अधिकार जनजातीय बहनों का, तीसरा अधिकार जनजातीय पुरुष का होगा और यदि वह मना करें तो फिर किसी और का अधिकार होगा। अब यदि ग्राम सभाएं चाहेंगी, तो तेंदूपत्ता को तुड़वाने का काम और उसका बिक्री का मूल्य भी तय कर सकेंगी। गांवों के विकास के लिए आने वाली राशि के उपयोग का निर्णय भी अब गांव के लोग और ग्राम सभाएं करेंगी। अब गांवों से मजदूरों को ले जाने से पहले ले जाने वाले व्यक्ति को ग्राम सभा को अपना परिचय देने के साथ यह बताना होगा कि श्रमिकों को कहां ले जाया जा रहा है, ताकि उनके संकट में फंसने पर हम मदद कर सकें। क्रांतिसूर्य टंट्या मामा का बलिदान दिसंबर 4 दिसंबर को है। 3 दिसंबर को यह यात्राएं टंट्या मामा की कर्मस्थली में पहुंचेंगी और 4 दिसंबर को पेसा पर एक और बड़ी सभा इंदौर में होगी।
शराब की दुकान भी हटवा सकेंगी ग्राम सभाएं
अभी तक हम वनोपज इक_ा करते थे और वनोपज संघ या व्यापारी संघ वनोपज खरीदता था, रेट तय करते थे। अब अपने-अपने गाँव की सीमा में वनोपज आप इक_ा करेंगे और ग्रामसभा रेट तय करेगी। यदि शराब की कोई दुकान, स्कूल, अस्पताल या धर्मशाला के पास है, तो ग्राम सभा को यह अधिकार होगा कि उसको हटाने की अनुशंसा वह सरकार को भेज दे। गांवों की दुकानों में अवैध शराब की बिक्री के विरुद्ध कार्रवाई करने का अधिकार भी ग्राम सभाओं को होगा।

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