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कारगिल युद्ध में दोनों पैर व एक हाथ गंवाया.. अब भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े नायक दीपचंद

हरियाणा। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का काफिला बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में कारगिल योद्धा और 1889 मिसाइल रेजीमेंट के नायक दीपचंद ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया। हरियाणा के सपूत दीपचंद को कारगिल योद्धा की उपाधि दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने तब दी थी, जब 2019 में वे कारगिल विजय दिवस में हिस्सा लेने द्रास गए थे। कारगिल युद्ध में एक हाथ और दोनों पैर गंवाने के बाद भी नायक दीपचंद ने जिंदगी की जंग नहीं हारी और अब भी डटकर खड़े हैं।
जाने कौन हैं नायक दीपचंद
कारगिल युद्ध में एक हाथ और दोनों पैर गंवाने वाले हरियाणा के नायक दीपचंद खाने की जगह गोला-बारूद मांगते थे। उनका कहना था कि भले ही हमें खाना न मिले, लेकिन गोला-बारूद मिल जाए, ताकि हम पाकिस्तान को नेस्तनाबूत कर सकें। 1999 में कारगिल में हुई जंग में हिसार के रहने वाले दीपचन्द ने तीन सैनिक ऑपरेशनों में हिस्सा लिया। दीपचंद ऑपरेशन विजय के दौरान सबसे पहला गोला दागने वाले सैनिक हैं। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान वे बम धमाके की चपेट में आ गए थे। उनका हाथ उड़ गया। डॉक्टरों को उनकी जिंदगी बचाने के लिए दोनों टांगें भी काटनी पड़ीं। उन्होंने अपने दोनों पैर और एक हाथ गंवाने के बाद भी पाकिस्तान सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। दीपचन्द बताते हैं कि कैसे हमारी सेना ने पाकिस्तान को चारों खाने चित किया था।
राहुल बोले- भारत जोड़ो यात्रा को मजबूती मिली
जांबाज दीपचंद नायक ने अपनी जीवटता से दुश्मन को भी हराया और मुसीबतों को भी। आज वे आदर्श सैनिक फाउंडेशन के जरिये दिव्यांग सैनिकों के लिए कार्य कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि उनके शामिल होने से भारत जोड़ो यात्रा को और मजबूती मिली है।

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