मध्यप्रदेश जबलपुर भेड़ाघाट खूबसूरत सँगमरमरिया वादियां के बीच बसा हुआ है इन्ही वादियों के बीच माँ नर्मदा के किनारे ग्राम गोपालपुर में भगवान भोले नाथ का धाम पशुपतिनाथ मंदिर भी स्थित है। यह पशुपतिनाथ मंदिर अति प्राचीन मंदिरों में से एक है
इस मंदिर में विराजे पंच मुखी भगवान भोलेनाथ की पिंडी पूरे विश्व मे इकलौती पिंडी कही जाती है जिसके दर्शन मात्र से ही भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण कर देते है इसके साथ ही इस मंदिर से मां नर्मदा का विहंगम दृश्य और भी भगवान भोलेनाथ के इस पशुपतिनाथ मंदिर को खास बना देता है क्योंकि यहां पर आने वाले शिव भक्त मां नर्मदा में स्नान कर उनका जल भगवान भोलेनाथ को चढाते है जिससे भगवान भोलेनाथ की कृपा भक्तो पर बरसने लगती है
यहां के मुख्य पुजारी पंडित राजेश शास्त्री बताते है कि यह पशुपतिनाथ मंदिर पूरे विश्व मे दूसरा पशुपतिनाथ मंदिर है पहला नेपाल के काठमांडू दूसरा जबलपुर के लम्हेटा घाट स्थित गोपालपुर में स्थापित है और यह मंदिर लगभग 5 हजार वर्ष पुराना 16 वीं शताब्दी का माना जाता है
जहां पर हजारों ऋषियों मुनियों के साथ बाणासुर की तपस्या स्थली और राजा बलि ने इसी स्थान पर अपना 100 यज्ञ किया था जिसका प्रमाण नर्मदा पुराण में भी मिलता है और यही कारण है कि मां नर्मदा के किनारे स्थापित भगवान भोलेनाथ के इस अनोखे रूप को जो भक्त एक बार देख लेता है वह भक्त हर सोमवार को इस मंदिर में आने को अपने आप ही मजबूर हो जाता है और जिसके चलते इस पशुपतिनाथ के प्राचीन भगवान भोलेनाथ का यह मंदिर शिव भक्तों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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